
सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व भले ही एक धार्मिक आयोजन रहा हो लेकिन पंजाब में इस पर्व को लेकर सियासत जोरों पर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर देश को समर्पित कर दिया. हालांकि उन्होंने इसका श्रेय पंजाब सरकार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित सभी लोगों को दिया है लेकिन पंजाब के राजनेताओं में कॉरिडोर किसने बनाया, इसको लेकर होड़ मची हुई है.
इसी होड़ के चलते डेरा बाबा नानक और सुलतानपुर लोधी स्थित गुरुद्वारा बेर साहिब में भी अकाली दल और कांग्रेस के बीच तनातनी नजर आई. पंजाब सरकार और एसजीपीसी ने अपने अलग-अलग पंडाल लगाए लेकिन प्रधानमंत्री ने लैंडपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से बनाए गए समारोह स्थल से ही जनता को संबोधित किया.
इस मंच पर अकाली दल का दबदबा रहा. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल मंच पर दिखाई दिए तो वहीं कांग्रेस नेताओं में सिर्फ कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही जगह दी गई. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान पर एक बार फिर से निशाना साधा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इमरान खान की तारीफ करते नजर आए.
उधर करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थक बकायदा उनकी तस्वीर वाली टीशर्ट पहनकर उनको श्रेय देते दिखे. नवजोत सिंह सिद्धू को इमरान खान ने करतारपुर साहिब में मुख्य अतिथि के तौर पर सम्मान दिया जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी वहां पर मौजूद थे.
सिद्धू के एक समर्थक ने कहा, "करतारपुर कॉरिडोर खोलने का सबसे बड़ा योगदान नवजोत सिंह सिद्धू का है. इसलिए हमने उनकी तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनी है और उनका धन्यवाद करने आए हैं. हालांकि सरकार और नरेंद्र मोदी का भी योगदान है लेकिन पहल तो सिद्धू ने की थी. यह टीशर्ट हमने सुल्तानपुर लोधी में बनाई है." एक अन्य समर्थक जसकरण सिंह ने भी कहा कि उन्होंने यह टीशर्ट नवजोत सिंह सिद्धू का धन्यवाद करने के लिए पहनी है क्योंकि उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर खुलवाया है. पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने के सवाल पर इस युवक ने कहा कि जफ्फी मारना पंजाब की संस्कृति है.