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कोटकपूरा गोलीकांड: आज SIT के सामने पेश होंगे अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल

कोटकपूरा गोलीकांड मामले में आज सुखबीर सिंह बादल SIT के सामने पेश होंगे. मामला 2015 का है, जब कोटकपूरा में श्रीगुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की तरफ से गोली चलायी गई थी. उस दौरान सुखबीर सिंह बादल के पास गृह विभाग था और वो सूबे के उपमुख्यमंत्री भी थे.

सुखबीर सिंह बादल (File Photo) सुखबीर सिंह बादल (File Photo)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 14 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST

पंजाब के बहुचर्चित कोटकपूरा गोलीकांड मामले में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को SIT ने आज तलब किया है. बादल सुबह 10 बजे के करीब सेक्टर 32 स्थित पुलिस ऑफिसर इंस्टिट्यूट पहुंचकर जांच में शामिल होंगे. इस दौरान अकाली कार्यकर्ता भी भारी तादाद में एसआईटी ऑफिस के बाहर पहुंचेंगे.

मामला 2015 का है, जब कोटकपूरा में श्रीगुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की तरफ से गोली चलायी गई थी. उस दौरान सुखबीर सिंह बादल के पास गृह विभाग था और वो सूबे के उपमुख्यमंत्री भी थे.

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इस मामले में एक साल पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को 22 जून को एसआईटी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया था. 

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि साल 2015 के अक्टूबर महीने में फरीदकोट में गुरुग्रंथ साहिब के पन्ने बिखरे पाए गए थे. यह बात जब लोगों को पता चली तो सिखों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. विरोध-प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि कोटकपुरा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की.

क्या दबाव में चलाई गोली?

पुलिस फायरिंग के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. अब एसआईटी यह जानने की कोशिशों में जुटी है कि क्या पुलिसकर्मियों ने सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई थी या भारी राजनीतिक दबाव की वजह से उन्हें गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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जुलाई में सुनाई गई थी पहली सजा

बता दें कि पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के कई मामले सामने आते रहे हैं. इससे जुड़े एक मामले में पहली बार 7 जुलाई 2022 को सजा सुनाई गई थी. मोगा के जज राहुल गर्ग की अदालत ने बेअदबी के एक मामले में तीन डेरा प्रेमियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही तीनों दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. 

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