
लुधियाना की अनाज मंडियों में करोड़ों रुपये के परिवहन टेंडर घोटाला मामले में शुक्रवार को पंजाब सतर्कता ब्यूरो (वीबी) ने फरार चल रहे पंकज मल्होत्रा उर्फ मीनू मल्होत्रा को गिरफ्तार कर लिया है. पंकज मल्होत्रा पूर्व खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू का पीए था. भारत भूषण आशू ने लुधियाना में विजिलेंस के ऑफिस पहुंचकर सरेंडर कर दिया.
दरअसल पंकज मल्होत्रा को इस बात का डर था कि कोर्ट उसे घोटाले में भगोड़ा घोषित कर सकती है क्योंकि विजिलेंस ने पहले ही उसके और एक अन्य आरोपी इंद्रजीत सिंह उर्फ इंदी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी थी. टीम ने मीनू पंकज मल्होत्रा के घर पर भी छापामारी की, कही संबंधियों के घरों पर भी रेड मारी लेकिन उसका पता नहीं चला था. इस मामले में 23 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई थी. पंकज की गिरफ्तारी न होने पर उसे भगोड़ा घोषित किया जा सकता था. खैर, अब उसे 17 दिसंबर को लुधियाना कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.
16 अगस्त को इस मामले में दर्ज हुआ था केस
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने इस मामले में 16 अगस्त को ही आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120-बी और 7, 8 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ठेकेदार तेलू राम, जगरूप सिंह, संदीप भाटिया और गुरदास राम एंड कंपनी के मालिकों व भागीदारों के साथ-साथ पंजाब खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की 12, 13 (2) के तहत के दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी तेलू राम, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, कृष्ण लाल धोतीवाला और अनिल जैन (दोनों कमीशन एजेंट) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी न्यायिक हिरासत में हैं. इसके अलावा विजिलेंस ने भारत भूषण आशु, तेलू राम और कृष्ण लाल के खिलाफ लुधियाना की सक्षम अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पहले ही पेश कर दी है.
प्रवक्ता ने बताया कि जांच से पता चला है कि आरोपी मीनू मल्होत्रा भारत भूषण आशु के पीए के रूप में काम कर रहा था. आरोपी ने मंत्री से उसकी मीटिंग कराने के लिए ठेकेदार तेलू राम से 6 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. अनाज मंडियों में वर्ष 2020-21 के लिए श्रम एवं परिवहन कार्यों के टेंडर आवंटन को लेकर दोनों के बीच यह बैठक हुई थी.