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पंजाब विधानसभा के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ प्रस्ताव पारित!

आम आदमी पार्टी के चारों विधायक पीपीई किट पहनकर, हाथों में कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट लेकर काफी देर तक सदन के बाहर डटे रहे लेकिन उनको प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई. बाद में इन विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए.

विधानसभा में अमरिंदर सिंह विधानसभा में अमरिंदर सिंह
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 29 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST
  • AAP के चारों विधायक सदन के बाहर डटे रहे
  • भगवंत मान ने सरकार का खुलकर विरोध किया
  • यूथ अकाली दल ने भी किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

कोरोना वायरस संक्रमण के साए में आयोजित पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय मॉनसून सत्र बिना किसी हंगामे के ही खत्म हो गया. इस सत्र के दौरान जो कुछ भी शोर-शराबा हुआ, वह सदन के बाहर ही हुआ. क्योंकि विधानसभा के कुल 117 सदस्यों से सिर्फ 52 ही सदन का हिस्सा बन पाए. वहीं, एक तरफ जहां अकाली दल ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग न माने जाने से सत्र से किनारा कर लिया. वहीं आम आदमी पार्टी के चार विधायक सदन में प्रवेश करना चाहते थे लेकिन उनको इजाजत नहीं दी गई.

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आम आदमी पार्टी के यह चारों विधायक पीपीई किट पहनकर, हाथों में कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट लेकर काफी देर तक सदन के बाहर डटे रहे लेकिन उनको प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई. बाद में इन विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए. उधर आम आदमी पार्टी के राज्य अध्यक्ष भगवंत मान ने पार्टी के विधायकों को सदन में प्रवेश करने की इजाजत न दिए जाने को लेकर सरकार की जमकर आलोचना की.

भगवंत मान ने कहा कि पार्टी के विधायक जनता से जुड़े हुए कई मुद्दे सदन में उठाना चाहते थे इसलिए उन्होंने सदन का समय एक दिन से बढ़ाकर 15 दिन करने की मांग की थी लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया. भगवंत मान ने सरकार पर आरोप लगाया कि पार्टी के विधायक जहरीली शराब त्रासदी, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप गड़बड़ी और राज्य के कोविड-19 केंद्रों की दयनीय हालत जैसे मुद्दे सदन में उठाना चाहते थे लेकिन उनको जानबूझकर सदन से बाहर रखा गया.

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उधर दलित छात्रों की स्कॉलरशिप में हुए कथित घपले को लेकर यूथ अकाली दल ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को बर्खास्त करने की मांग की. 

कृषि अध्यादेशों की आड़ में अकाली दल को घेरने की कोशिश 

सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा कि पानी और एमएसपी पंजाब की जान है और केंद्र सरकार एमएसपी को खत्म करने जा रही है जो एक किसान विरोधी फैसला है. उन्होंने कहा कि जब मंडियां ही खत्म हो जाएंगी तो किसान कहां जाएगा. आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी ने भी मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का समर्थन किया.

दरअसल केंद्र सरकार द्वारा हाल ही लाए गए कृषि संबंधित तीन अध्यादेशों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके पंजाब की कांग्रेस सरकार भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को घेरने की कोशिश कर रही है. गौरतलब है कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियां पंजाब में कई खेतों में केंद्र सरकार के अध्यादेशों के खिलाफ धरने प्रदर्शन आयोजित कर रही हैं. वहीं इस मामले पर अपनी राजनीतिक मजबूरी के चलते अकाली दल चुप्पी साधे बैठा है .इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी भी अकाली दल के नेताओं के खिलाफ मुखर हो रही है.

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