
पेगासस जासूसी मामले को लेकर पूरे देश में घमासान मचा है. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे हैं. जासूसी मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस ने भी गुरुवार को 11 बजे विरोध प्रदर्शन बुलाया था. नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह पहला विरोध प्रदर्शन था. लेकिन आखिर वक्त में इसे रद्द कर दिया गया.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मीडिया को गुरुवार को होने वाले प्रोटेस्ट मार्च की जानकारी दी थी. लेकिन इसे आखिरी वक्त में रद्द कर दिया गया. बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू विधायकों की संख्या जुटाने और शक्ति प्रदर्शन के चलते अमृतसर और तरनतारन में विधायकों के घर जाकर डोर टू डोर मीटिंग करने में व्यस्त हैं.
सिद्धू की अगुआई में होना था प्रदर्शन
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा था कि यह प्रदर्शन अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की अगुआई में होगा. लेकिन सिद्धू के ना आने की वजह से फजीहत से बचने के लिए आनन-फानन में प्रदर्शन रद्द कर दिया गया.
दरअसल, कांग्रेस अलाकमान की ओर से सभी राज्यों को यह निर्देश दिया गया था कि 22 जुलाई को पैगासस जासूसी मामले में जारेदार प्रदर्शन किया जाए.
संसद से सड़क तक उठाया जा रहा मुद्दा
कांग्रेस पार्टी द्वारा पेगासस जासूसी मामले को संसद से सड़क तक उठाया जा रहा है. संसद के मॉनसून सत्र में कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष इस मसले को उठा रहा है. बता दें कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारत में राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई राजनेताओं, पत्रकारों, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों, केंद्रीय मंत्रियों की जासूसी करवाई गई थी.