
नवजोत सिंह सिद्धू कभी कांग्रेस आलाकमान की आंखों के तारे थे लेकिन आज वे बैकफुट पर हैं. चंद रोज पहले तक जो सिद्धू सुपर सीएम की तरह व्यवहार करते नजर आ रहे थे, वे सिद्धू आज खुद ही विकल्पहीन नजर आ रहे हैं. सिद्धू 60 विधायकों के साथ अपने घर बैठक भी कर चुके हैं लेकिन आज चंद को छोड़ दें तो उनके समर्थन में इस्तीफे भी उतने नहीं हुए.
सिद्धू के सितारे चंद रोज पहले तक बुलंदी पर थे. पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सिद्धू ने लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमले बोले. कैप्टन को आखिरकार सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. कैप्टन के इस्तीफे के बाद जब चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई तब भी सिद्धू लगभग हर जगह उनके साथ साए की तरह नजर आ रहे थे. अचानक सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही बदल गई तस्वीर. जो सिद्धू आक्रामक बैटिंग कर रहे थे, अचानक उन्हें भाव मिलना बंद हो गया और वे बैकफुट पर आ गए.
क्रिकेट हो या फिर राजनीति, लंबी पारी के लिए भावनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है लेकिन सिद्धू की मुसीबत ये है कि वे बोलने में भले ही माहिर हों लेकिन इस मामले में कच्चे हैं. इसीलिए तो जो सिद्धू कल तक मीडिया को भाव नहीं देते थे, अपने सुरक्षाकर्मियों को उन्हें हटाने के ऑर्डर देते थे. वही सिद्धू जब सीएम से मिलने पंजाब भवन जा रहे थे तब मीडिया के कैमरों में आने के लिए तड़फड़ाते देखे गए. जैसे ही सिद्धू की गाड़ी पंजाब भवन पहुंची, वे अपनी सुरक्षा में लगे जवानों को हटने के लिए इशारे करने लगे.
सिद्धू को करना पड़ा सीएम का इंतजार
पंजाब कांग्रेस में सिद्धू के दिन कितनी तेजी से फिरे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए उन्होंने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया, उनसे मुलाकात के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ा. नवजोत सिंह सिद्धू करीब साढ़े ती बजे शाम को पंजाब भवन पहुंच चुके थे. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी करीब पौने चार बजे पंजाब भवन पहुंचे. सीएम चन्नी, नवजोत सिद्धू से पहले ही वहां से निकल भी लिए.
कांग्रेस आलाकमान ने जिस तरह से नकारा, उसने सिद्धू के तेवर ढीले कर दिए. नवजोत सिंह सिद्धू को 10 जनपथ का आशीर्वाद हासिल था जिसकी बदौलत वे न सिर्फ पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने बल्कि उन्होंने अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर कर दिया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर सिद्धू को न तो दिल्ली से कोई फोन आया और ना ही 10 जनपथ से मिलने का वक्त. सिद्धू वे वीडियो पर चन्नी ने जिस तरह का जवाब दिया, उन्हें समझते देर नहीं लगी कि उनका खेल अब खत्म हो चुका है.
चुप हो गए नवजोत सिंह सिद्धू
हालात की गंभीरता का अंदाजा लगा तो नवजोत सिंह सिद्धू मामला सुलझाने चंडीगढ़ पहुंच गए और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की. चरणजीत सिंह चन्नी के साथ करीब दो घंटे तक चली मुलाकात के बाद सिद्धू वहां से निकले भी तो खामोशी से निकल लिए. जो सिद्धू बोलते नहीं थकते थे वे चुप हो गए. कमेंट्री के किंग सिद्धू को इस्तीफे का दांव उल्टा पड़ गया. जो सिद्धू ढाई महीने से पंजाब कांग्रेस पर हावी दिखाई दे रहे थे, वही सिद्धू आज पूरी तरह से बैकफुट पर आ गए हैं.