
जब से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं, तब से लगातार विवाद भी उनके साथ जुड़े रहे हैं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने नवजोत सिंह सिद्धू के द्वारा पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अलग-अलग गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेकने और गुरुद्वारों में किए जा रहे आचरण को लेकर आपत्ति जताई है.
सियासी तौर पर अपनी जिद मनवा चुके नवजोत सिंह सिद्धू, शनिवार को गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेकने पहुंचे थे. नवजोत सिद्धू को दरबार साहिब के अंदर ही कांग्रेस नेता गुरप्रीत सिंह लाली ने सम्मानित किया. इस दौरान एक अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद रहे.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने विरोध करते हुए, इसे गुरुद्वारा की मर्यादा का उल्लंघन बताया है. दरअसल गुरुद्वारों के अंदर आए किसी गणमान्य व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए उसके गले में सिरोपा डालकर सम्मानित किया जाता है. गुरुद्वारे में मौजूद ग्रंथी या फिर गुरुद्वारे के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई व्यक्ति ही इस तरह गुरुद्वारे में आ रहे व्यक्ति को सम्मानित कर सकता है.
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क्या है विवाद की वजह?
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर का कहना है कि गुरुद्वारों के अंदर बाहर से खुद ही सिरोपा लाकर किसी को सम्मानित करने का प्रचलन नहीं है. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आए कांग्रेसी नेताओं ने बाहर से अपने लाए गए सिरोपों से ही उन्हें सम्मानित कर दिया और इसी बात को लेकर विवाद है.
गुरुद्वारे के अपमान का क्यों लगा सिद्धू पर आरोप?
प्रबंधन का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू के गुरुद्वारे में माथा टेकने के दौरान का एक और वीडियो भी सामने आया है. सिद्धू जब गुरुद्वारे में नतमस्तक हो रहे हैं तो इस दौरान उनके बगल में एक बुजुर्ग भी आकर माथा टेकने की कोशिश कर रहा है. वहां मौजूद पंजाब कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट कुलजीत नागरा और अन्य लोग, उस व्यक्ति को पीछे खींच लेते हैं. एसजीपीसी ने भी इसे गुरुद्वारे का अनादर बताया है और कहा है कि गुरुद्वारों में किसी भी व्यक्ति को खास ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है. इस तरह का आचरण करना पूरी तरह से गलत है.
गुरुद्वारे के अंदर सिर्फ ग्रंथी ही दे सकते हैं सिरोपा
बीबी जागीर कौर ने कहा कि गुरुद्वारे के अंदर मुख्य ग्रंथी ही सिरोपा दे सकते हैं. जब कोई माननीय गुरु घर के दर्शन करने आता है तो एसजीपीसी की तरफ से मुख्य ग्रंथी खुद वहां मौजूद रहकर सिरोपा देते हैं. बाहर से आए कांग्रेस नेताओं ने गुरुद्वारे के अंदर सिद्धू को सिरोपा देकर जो मर्यादा भंग की और गुरुद्वारे के प्रबंधों में दखलअंदाजी की गई.
गुरुद्वारा प्रबंधन ने दी चेतावनी
एसजीपीसी अध्यक्ष जगीर कौर ने तमाम राजनेताओं को चेतावनी दी है कि वो अगर गुरुद्वारे में माथा टेकने आ रहे हैं तो इस तरह का व्यवहार ना करें जिससे अन्य लोगों को परेशानी हो और गुरुद्वारे की गरिमा को ठेस पहुंचे.
मर्यादा का पालन करना अनिवार्य
पूरे प्रकरण को लेकर अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि गुरुद्वारों में माथा टेकने के दौरान जो भी धार्मिक परंपराएं हैं, उनका सही से पालन करना भी राजनेताओं की जिम्मेदारी है. नवजोत सिंह सिद्धू को देखना चाहिए कि उनके किसी भी गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाने के दौरान अन्य लोगों को परेशानी ना हो और ना ही किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे.
कांग्रेस ने नहीं दी अब तक सफाई
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस की और से किसी भी तरह की सफाई देने के लिए कोई भी राजनेता अब तक सामने नहीं आया है. नवजोत सिंह सिद्धू के गुरुद्वारों में माथा टेकने के ये तमाम विवादित वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.