
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान और भारत के रिश्तों में कड़वाहट चरम पर है. इस बीच रिपोर्ट है कि पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर का काम धीमा कर दिया है. समझौता एक्सप्रेस, लाहौर-दिल्ली बस सेवा, राजनयिक रिश्तों में कमी और व्यापार संबंध खत्म करने के बाद पाकिस्तान की ओर से करतारपुर कॉरिडोर का काम धीमा करने की खबरें हैं.
करतारपुर कॉरिडोर से जुड़े इस मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिंता जताई है. सीएमओ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'पाकिस्तान को करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटना चाहिए. करतारपुर कॉरिडोर सिख समुदाय के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है'.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का बयान उन रिपोर्ट के बाद आया है, जिनमें कहा जा रहा है कि भारत ने इस्लामाबाद को करतारपुर परियोजना पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए बैठक करने के लिए एक रिमाइंडर लेटर भेजा था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव को केवल तीन महीने का समय बाकी रह गया है, ऐसे में परियोजना को लेकर कोई भी 'धीमा कदम' ऐतिहासिक घटना के समय इसे पूरा होने से रोक सकता है. उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे सिख समुदाय के लिए एक झटका होगा, जो अपने पहले धर्मगुरु से जुड़े उस स्थान को देखने के लिए मरे जा रहे हैं, जहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल गुजारे थे.
भारत के साथ राजनयिक और व्यापार संबंधों को कमजोर करने के अपने फैसले के मद्देनजर अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर से व्यापार रोके जाने के मुद्दे पर सिंह ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक चिंताओं को किसी भी ऐसे फैसले से दूर रखना चाहिए, जिससे दोनों तरफ के लोगों के हितों को हानि पहुंचे. उन्होंने कहा, "व्यापार का रोका जाना विशेष रूप से पाकिस्तान में गरीबों को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगा, क्योंकि इसी माल को अब ईरान या दुबई के माध्यम से लंबे समुद्री मार्ग से लेना होगा."