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Patiala Violence: पटियाला में तनाव के बीच CM मान का एक्शन, IG और SSP को हटाया, इलाके में इंटरनेट बंद

घटना के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि मामले की तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और साथ ही अधिकारियों को ये सख्त हिदायत भी दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए. इस बीच पटियाला के आईजी राकेश अग्रवाल को हटा दिया गया है.

पटियाला में भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मी. पटियाला में भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मी.
ललित शर्मा
  • पटियाला,
  • 30 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST
  • हिंसा में पुलिसकर्मी समेत चार लोग हुए थे घायल
  • मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिए हैं घटना की जांच के आदेश

पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकर्ताओं और खालिस्तान समर्थकों के बीच शुक्रवार को हुई झड़प के बाद शहर में तनाव है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटियाला में 9:30 से शाम 6:00 बजे तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है. अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पंजाब सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी किए हैं. वहीं, पटियाला आईजी राकेश अग्रवाल को हटाने के बाद सीनियर एसपी और सिटी एसपी को भी हटा दिया गया है.

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मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मुखविंदर सिंह चिन्ना को पटियाला का नया आईजी नियुक्त किया गया है. वहीं, दीपक पारिक को पटियाला का सीनियर एसपी जबकि वजीर सिंह को पटियाला का नया एसपी नियुक्त किया गया है. फिलहाल, शहर में 10 कंपनियां तैनात की गई हैं और पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है.

हिंदू संगठनों ने पटियाला प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

हिंदू संगठनों ने घटना को लेकर आज पटियाला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. हिंदू संगठनों की ओर से कहा गया कि जब तक घटना में सीधे तौर पर शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती, विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा. इसके बाद प्रशासन की ओर से हिंदू संगठनों को आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन मिला जिसके बाद संगठन ने अगले 48 घंटे तक के लिए धरना खत्म किया. 

पटियाला के काली माता मंदिर के संचालक और हिंदू तख्त के धर्माधीश पंचानंद गिरी महाराज के मुताबिक स्थानीय प्रशासन से बातचीत के बाद फिलहाल हिंदू संगठनों ने पटियाला बंद को टाल दिया है. प्रोटेस्ट मार्च भी अब नहीं निकाला जाएगा. 2 दिन का समय पुलिस प्रशासन ने मांगा है और वादा किया है कि मंदिर पर हमला करने वाले लोगों को आईडेंटिफाई किया जा चुका है और जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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पंचानंद गिरी महाराज ने कहा कि एसपी नानक सिंह ने काफी अच्छे तरीके से मंदिर को बचाने के लिए फायरिंग भी की और मौके पर स्थिति को संभाला. उनका ट्रांसफर नहीं करना चाहिए था. पंचानंद गिरी ने कहा कि अगर भविष्य में खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर पर दोबारा हमला किया तो उनको उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि अगर अगले 2 दिन में पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की तो सड़कों पर भी उतरा जाएगा.

हिंदू संगठनों ने आज पटियाला बंद का आह्वान किया था. साथ ही काली माता मंदिर पर हमले के दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरना, रोष मार्च का भी आह्वान किया था. वहीं, पटियाला एसएसपी नानक सिंह ने कहा कि पटियाला में हालात पूरी तरह नियंत्रण में है. उन्होंने लोगों से किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की. 

उधर, हिंदू संगठन की घोषणा के बाद शहर में ऐहतियातन भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. शनिवार सुबह पटियाला के सीनियर एसपी नानक सिंह ने भारतीय हिंदू सुरक्षा समिति के प्रधान गिरिजी महाराज से उनके ऑफिस में मुलाकात की.

बता दें कि हिंदू संगठन उन खालिस्तानी समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन्होंने काली माता मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की और परिसर के पास पथराव किया. मार्च की अगुवाई करने वाले हरीश सिंगला की कार पर पथराव भी किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार शाम 7 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया था.

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हिंसा में दो पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हुए थे.

घटना के खिलाफ शिवसेना हिंदुस्तान नाम के एक हिंदू संगठन ने 30 अप्रैल यानी आज पटियाला बंद का आह्वान किया है. शिवसेना हिंदुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन गुप्ता ने कहा है कि खालिस्तान के खिलाफ मार्च में काली देवी के मंदिर का कुछ भी लेना-देना नहीं था. खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर पर हमला करके मंदिर की बेअदबी की है. उन्होंने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए बंद का ऐलान किया है.

हिंसा में पुलिसकर्मी समेत चार लोग हुए थे घायल

पटियाला में हुई झड़प की इस घटना को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह ने बताया था कि खालिस्तान विरोधी मार्च के दौरान हुई हिंसा में चार लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि घायलों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. एसएसपी ने कहा कि जिस प्रोटेस्ट मार्च के दौरान झड़प हुई, उसकी अनुमति नहीं दी गई थी.

झड़प के दौरान लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और फायरिंग भी की. इसे लेकर उन्होंने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही हालात को नियंत्रित करने के लिए जो भी सही कदम थे, उठाए गए.

हिंसा के दौरान उपद्रवी को समझाने की कोशिश करती महिला पुलिसकर्मी. -फोटो PTI

क्या है पूरा मामला

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एक दिन पहले ही शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला ने खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का ऐलान करते हुए किया था. उन्होंने कहा था कि शिवसेना, पंजाब को खालिस्तान नहीं बनने देगी. सिंगला के ऐलान के मुताबिक शुक्रवार को बड़ी तादाद में लोग तय जगह पर जमा हुए और खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकला. 

इस मार्च में जो लोग शामिल थे, वे खालिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए चल रहे थे. खालिस्तान विरोधी नारे लगाते चल रहे लोगों के विरोध में खालिस्तान समर्थक संगठनों के लोग भी आ गए. खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने लगे. दोनों गुट आमने-सामने हुए तो तलवारें लहराई जाने लगीं. पुलिस ने बैरिकेड कर रोकने की कोशिश की लेकिन वो नाकाफी साबित होने लगा. पुलिस को अंत में बल प्रयोग करना पड़ा.

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