
पंजाब के संगरूर में उस वक्त हंगामा मच गया जब कॉन्ट्रैक्ट बेस (अस्थाई) पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले हजारों शिक्षक-शिक्षिकाएं सीएम भगवंत मान के निवास की और कूच कर रहे थे. पुलिस ने शिक्षकों पर जमकर लाठीचार्ज किया. इस दौरान महिला शिक्षकों पर भी पुलिस ने सख्ती दिखाई. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारी शिक्षकों को उठा कर बसों में बंद कर दिया. वहीं, उनके सपोर्ट में आए किसान नेता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. यह सभी उनकी नौकरी को स्थाई करने और उनका वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे थे.
दरअसल, संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के घर से महज कुछ ही दूरी पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब भर से आए सरकारी स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट बेस (अस्थाई) पर पढ़ाने वाले अध्यापकों पर पुलिस के जमकर लाठीचार्ज किया. प्रदर्शनकारी अध्यापकों को पकड़-पकड़ कर पुलिस की बसों में बंद किया.
14 जून से मुख्यमंत्री के संगरूर वाले घर से महज कुछ ही दूरी पर अध्यापकों का प्रर्दशन अपनी मांग को लेकर जारी है. खुराना गांव की पानी की टंकी पर चढ़कर भी अध्यापकों ने प्रदर्शन किया. धीरे-धीरे पूरे पंजाब भर से सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अस्थाई शिक्षक-शिक्षिकाएं संगरूर में जुड़ने लगे और स्थाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे.
प्रदर्शनकारियों ने हटाई बैरिकेडिंग, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं को किसान नेताओं का समर्थन मिला था. शनिवार को सभी ने सीएम आवास पर कूच करने का प्लान किया था. भारी पुलिस बल को सीएम मान के आवास के बाहर तैनात किया गया था. बैरिकेडिंग भी की गई थी. प्रदर्शन स्थल से सीएम आवास 2 किमी दूर था और पास ही चंडीगढ़-बठिंडा नेशनल हाईवे भी मौजूद था.
पुलिस को डर था कि प्रदर्शनकारी कहीं हाईवे पर आ गए तो यातायात बाधित हो सकता है. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सीएम आवास को ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. प्रदर्शनकारी हावी हो गए और बैरकैडिंग को हटा दिया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई भी हुई. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. प्रदर्शनकारियों में भगदड़ मच गई और उन लोगों ने खेतों में दौड़ लगा दी. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें पकड़-पकड़ पर बसों में बंद कर दिया. शिक्षिकाओं पर भी पुलिस ने सख्ती दिखाई और उनका समर्थन कर रहे किसान नेता पर भी जमकर लाठी बरसाईं.
पुलिस टीम के साथ की धक्का-मुक्की- एसपी
वह इस मामले में संगरूर के एसपी बलविंदर सिंह चीमा ने बताया कि हमने एक प्रदर्शनकारी अध्यापकों से बात की थी कि वह क्या चाहते हैं, हम इनकी मीटिंग है करवा देते हैं, लेकिन इन्होंने बैरिकेड हटाए और पुलिस बल के साथ धक्का मुक्की की. हालात बिगड़ने पर सख्ती दिखाई और फिर प्रदर्शनकारियों को बसों में भरकर पास के पुलिस स्टेशन पहुंचाया. जो कानून को हाथ में लेगा तो उसे खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी.
साल 2022 में किया था अस्थाई टीचरों को परमानेंट करने का वादा
आपको बता दें कि, पंजाब सरकार की ओर से 2022 में करीब 1 साल पहले जो ऐलान किया गया था. 8736 अस्थाई अध्यापकों को रेगुलर किया जाएगा. इन प्रदर्शनकारी अध्यापकों का कहना है कि हमें अभी तक रेगुलर नहीं किया गया है. कुछ महीने पहले मानसा में भी कैबिनेट मीटिंग हुई थी, तब भी सीएम ने कहा था कि 14 हजार के करीब अस्थाई शिक्षकों को परमानेंट किया जाएगा.
वादा पूरा नहीं किया, परमानेंट वालों की सैलरी बढ़ा दी
प्रदर्शनकारी शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना है कि हम लोगों से एक साल पहले वादा किया था जो अभी तक नहीं निभाया गया, अब 14 हजार अस्थाई टीचरों को परमानेंट करने की बात कह दी गई थी. वहीं, परमानेंट शिक्षकों को सैलरी बढ़ा दी गई, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई.
पानी की टंकी पर जारी रहेगा प्रदर्शन
फिलहाल संगरूर के खराना गांव में चल रहा इन अस्थाई अध्यापकों का शनिवार का प्रदर्शन समाप्त हो गया, लेकिन पानी की टंकी पर प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. क्योंकि प्रशासन इनके साथ वादा किया है कि सोमवार को इनको पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग का समय दे दिया जाएगा. प्रदर्शनकारी अध्यापकों की ओर से 8 जुलाई को संगरूर में एक बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है. जिसमें पूरे पंजाब से अस्थाई अध्यापक जुड़ेंगे. कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी गुप्त एक्शन प्लान बना सकते हैं, जो प्रशासन और पंजाब सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है.