
बठिंडा सरकारी हॉस्पिटल से गुरुवार को 4 डॉक्टर एक ही दिन में नौकरी छोड़ चले गए हैं. जिसमें से 2 डॉक्टरों ने तो 3 महीने की एडवांस पगार भी सरकार को जमा करवा दी है. वहीं 1 डॉक्टर 3 महीने का नोटिस पीरियड देकर चला गया है. पंजाब के एक डॉक्टर ने रिजाइन कर दिया है और इस इस्तीफे की पुष्टि बठिंडा के सीनियर मेडिकल ऑफिसर ने की है.
डॉक्टर के द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद सिविल हॉस्टल में अजब सन्नाटा सा छा गया. क्योंकि डॉक्टरों ने जो मर्जी रीजन दिए हो नौकरी से इस्तीफा देते हुए, लेकिन सीनियर मेडिकल ऑफिसर के अनुसार मुख्य कारण कोरोना के समय में ज्यादा ड्यूटी दिमागी परेशानी और काम का बोझ जो उनके और उनके परिवारों की जिंदगी पर बहुत भारी पड़ रहा था. जिस कारण हॉस्पिटल में भी भारी परेशानी होती थी.
भारी संख्या में आ रहे मरीजों को देखते हुए और परिवार में भी, जिसके कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है. ऐसा सीनियर मेडिकल ऑफिसर ने कहा. जोधपुर डॉक्टर आज फिर रिजाइन कर 3 महीने की पूर्व तनख्वाह सरकार को जमा करवा गए हैं. जो सरकारी कायदे के अनुसार होती है. जबकि एक डॉक्टर ने 3 महीने का नोटिस दिया है.
उन्होंने कहा कि और एक डॉक्टर रिजाइन कर गया है. और रिजाइन करने के बाद इनकी जगह पर जो गांव में सरकारी डॉक्टर काम कर रहे हैं उनको अधिकारियों ने वापस बठिंडा सिविल हॉस्पिटल में ड्यूटी पर लगा दिया है. और मरीजों की देखरेख पर कोई असर नहीं पड़ेगा ऐसा सीनियर मेडिकल अफसर ने कहा.