
पंजाब के आम नागरिकों को घर के पास ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर आम आदमी क्लीनिक खोले थे, इन क्लीनिक में डॉक्टरों की भारी कमी है. इनको लेकर कई विवाद भी सामने आए हैं. अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने उनकी सरकार ने एक सांझ केंद्र के निर्माण में 10 लाख रुपये खर्च किए थे, जबकि आप सरकार ने एक केंद्र के रंग-रोगन पर ही 20 लाख रुपये खर्च कर दिए.
भगवंत सरकार ने पंजाब में बीते साल 15 अगस्त को 100 आम आदमी क्लीनिक की शुरुआत की थी. उसके बाद क्लीनिक की संख्या बढ़ाकर 500 तक बढ़ाने का फैसला लिया. आनन-फानन में खोले गए क्लीनिक में दूसरे अस्पतालों से डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई. इनमें 200 PCMS और 135 रूरल मेडिकल डॉक्टर भी शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, अस्पतालों से 335 डॉक्टर बदल दिए जाने से वहां की आपातकालीन सेवाएं ठप हो गईं. जिन अस्पतालों में सबसे अधिक सुविधाएं चरमरा गई हैं उनमें लुधियाना, भटिंडा ,बरनाला, फरीदकोट और मुख्तसर आदि शामिल हैं.
पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही डॉक्टरों की व्यापक कमी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब के सीएचसी अस्पतालों में 600 डॉक्टरों की जरूरत है जबकि उपलब्ध सिर्फ 151 ही हैं. सरकार ने खाली पड़े 200 पद भरने की मुहिम शुरू की थी, लेकिन आवेदन सिर्फ 272 ही मिले, जिन्होंने आवेदन किए उनमें से भी आधे डॉक्टर नौकरी पर नहीं आए.
केंद्र ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने आयुष्मान भारत हेल्थ एवं वैलनेस केंद्र खोलने के लिए मिली राशि को आम आदमी क्लीनिक खोलने पर खर्च कर दिया जो गलत है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पंजाब के स्वास्थ्य सचिव को लिखे गए एक पत्र में हिदायत दी गई है कि अगर आयुष्मान भारत केंद्रों की ब्रांडिंग को सही नहीं किया गया तो पंजाब को दी जा रही मदद रोक दी जाएगी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजाब राज्य के लिए 1,114.57 करोड रुपए स्वीकृत किए हैं जिसमें से 438.46 करोड रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है. आम आदमी क्लीनिक खुले से उपजे विवाद के बाद अब पंजाब सरकार विपक्ष के निशाने पर है. अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने एक तरफ जहां इन क्लीनिक को एक गड़बड़झाला बताया है वहीं कांग्रेस का आरोप है कि सरकार चुनावी वायदों के मुताबिक लोगों को अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध करवाने में नाकाम रही है.
पंजाब में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के बजाए आम आदमी क्लीनिक पर अपनी तस्वीर लगाने में व्यस्त हैं. वहीं पंजबा के स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि अगले 3-4 महीनों में सब दुरुस्त कर लिया जाएगा. उनका आरोप है कि सरकार बने हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ है. पिछली सरकारों के दौरान हालात बिगड़े, उन्हें सुधारने के लिए जनता का सहयोग और थोड़ा समय चाहिए.