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आम आदमी पार्टी के नेता फुल्का छोड़ेंगे विधायक का पद

आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है. पंजाब से पार्टी के विधायक एच एस फुल्का विधायक पद छोड़ सकते हैं.  उन्होंने इसकी जानकारी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी दे दी है.

 हरविंदर सिंह फूलका  (फाइल फोटो) हरविंदर सिंह फूलका (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा/देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

आम आदमी पार्टी(आप) के वरिष्ठ नेता और पंजाब से पार्टी के विधायक हरविंदर सिंह फुल्का जल्द ही विधायक पद से इस्तीफा दे सकते हैं. फुल्का ने AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपने फैसले से अवगत करा दिया है.

पंजाब में धार्मिक ग्रंथ के साथ हुई बेअदबी के मामले में फुल्का ने राज्य सरकार पर जांच में लापरवाही और दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है. साथ ही फुल्का ने चेतावनी दी कि अगर पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार धार्मिक ग्रंथों से हुई बेअदबी मामले में कार्रवाई नहीं करती तो 16 सितंबर को वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.

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फुल्का पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि अगर पंजाब सरकार सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पंजाब पुलिस के रिटायर्ड डीजीपी सुमेध सिंह सैनी पर 15 दिन के भीतर केस दर्ज नहीं करती तो वह अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे. फुल्का का आरोप है कि धार्मिक ग्रंथ के साथ हुई बेअदबी के मामले में जो एफआईआर दर्ज हुई है उसमें किसी भी पुलिस अधिकारी का नाम नहीं है.  

फुल्का के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किलें पंजाब में बढ़ सकती हैं, क्योंकि इससे सीधे-सीधे विधानसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या कम हो जाएगी. फुल्का पेशे से वकील हैं और 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों में पीड़ितों के इंसाफ के लिए लगातार अदालत में लड़ाई लड़ रहे हैं.

आयोग ने पेश की रिपोर्ट

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पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों की जांच करने के लिए सीएम अमरिंदर सिंह ने रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित की थी. आयोग ने सोमवार को विधानसभा में 4 हिस्सों में रिपोर्ट पेश की. जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के अलावा पंजाब के अलग-अलग जिलों में हुई श्रीमद्भागवत गीता और कुरान शरीफ की बेअदबी से जुड़े मामलों की विस्तृत जांच का ब्यौरा भी दिया गया है.

ब्यौरा में ये भी कहा गया है कि श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले को लेकर रोष जता रही सिख संगत पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग की पूरी जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को थी.

आपको बता दें कि साल 2015 में पंजाब में धार्मिक ग्रंथों के साथ बेअदबी के मामले सामने आए थे, जिसको लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए. लेकिन कोटकपूरा और बहबलकलां में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चला दी थी जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग जख्मी हुए थे.

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