
लवप्रीत सिंह तूफान को अजनाल पुलिस ने बीते 18 फरवरी को दंगा और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद लवप्रीत को रिहा करने की मांग को लेकर 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया. बता दें कि लवप्रीत सिंह तूफान 'वारिस पंजाब दे' संगठन से जुड़ा है और वह अमृतपाल सिंह का करीबी है.
अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में गुरुवार को अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया, जिसके बाद पुलिस ने शुक्रवार को लवप्रीत तूफान को रिहा कर दिया.
अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने पुलिस को कुछ सबूत सौंपकर दावा किया था कि कथित घटना के समय लवप्रीत सिंह तूफान अजनाला में मौजूद नहीं था. शुक्रवार की शाम 'वारिस पंजाब दे' संगठन के सदस्यों ने रिहाई के बाद लवप्रीत तूफान का जोरदार स्वागत किया.
लवप्रीत सिंह तूफान 'वारिस पंजाब दे' संगठन के गुरदासपुर जिला प्रमुख है और पेशे से किसान है. वह तिबाद गांव का रहने वाला है और शादीशुदा है. लवप्रीत हाल ही में पिता बना है.
इंडिया टुडे द्वारा की गई जांच में पता चला कि अमृतपाल सिंह के संगठन से जुड़ने से पहले तूफान किसान विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुआ था. अमृतपाल सिंह के पूर्व सहयोगी रूपनगर जिले के निवासी बरिंदर सिंह की शिकायत पर 16 फरवरी को केस दर्ज किया गया. इसके बाद अजनाला पुलिस ने लवप्रीत तूफान को गिरफ्तार कर लिया था.
लवप्रीत तूफान के साथ 20 अन्य लोगों पर लगा है ये आरोप
लवप्रीत सिंह तूफान के साथ अमृतपाल सिंह और पांच अन्य लोगों के अलावा 20 अज्ञात लोगों पर आईपीसी की धारा 365, 379बी (2), 323, 506 (II), 148, 149 सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. आरोप था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की. इसी के साथ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप है.
पुलिस ने लवप्रीत को भले हो छोड़ दिया, लेकिन रद्द नहीं हुई है एफआईआर
पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान को भले ही कुछ समय के लिए छोड़ दिया हो, लेकिन अभी तक एफआईआर रद्द नहीं हुई है. पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि वे तथ्यों और दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं. वहीं इस मामले में अमृतपाल सिंह ने एफआईआर को झूठा बताकर उसे रद्द करने की मांग की है.
गुरुवार को थाने में घुसकर किया था बवाल, घायल हुए थे छह पुलिसकर्मी
बता दें कि गुरुवार को अमृतसर में 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था, इसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिन्हें अजनाला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इस पूरे बवाल के बीच अमृतपाल सिंह ने कहा था कि पिछले सप्ताह हमारे सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, वह निर्दोष है. उसे प्रताड़ित किया जा रहा है. अमृतपाल सिंह ने एफआईआर से उसका नाम नहीं हटाए जाने पर थाने का घेराव करने की धमकी दी थी. इसके बाद अमृतपाल के समर्थकों ने थाने में घुसकर बवाल कर दिया था.
अमृतपाल ने कहा- जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो हम खालिस्तान की क्यों नहीं
अमृतपाल सिंह ने कहा है कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते. दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.