
पंजाब के फिरोजपुर के जीरा में आज पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में पंजाब पुलिस के करीब 7 जवान घायल हुए हैं. आई जी जसकरण सिंह ने इस मामले में कहा कि पंजाब सरकार द्वारा इन प्रदर्शनकारियों के साथ तालमेल बनाकर स्थिति को कंट्रोल किया जा रहा है. हमारा काम लॉ एंड आर्डर को कायम रखना है. हमारी प्रदर्शनकारियों के साथ लगातार बातचीत चल रही है और यहां माहौल को ठीक रखना हमारा पहला काम है. पुलिस ने कहा कि फैक्टरी के अंदर कर्मचारियों को भेजा जा चुका है, जो अपना साफ-सफाई आदि का काम कर रहे हैं.
इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस प्रशासन को दो टूक कहा. किसान मोर्चा ने कहा कि सबसे पहले किसानों पर किया जा रहा अत्याचार रोका जाए, उन पर किए जा रहे पर्चे रद्द किए जाएं.
हाई कोर्ट को देना पड़ा दखल
मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है. कोर्ट ने किसान यूनियनों से धरना खत्म करने को कहा और यह सुनिश्चित किया कि अदालत प्रदूषण के मुद्दे को हल करेगी. शराब फैक्ट्री को बंद करने की मांग को लेकर किसान यूनियनें अभी भी जीरा में धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रही हैं.
क्यों हुई ये झड़प?
बता दें कि पंजाब के जीरा में शराब फैक्ट्ररी का विरोध पिछले पांच महीने से हो रहा है. मंगलवार को किसान संगठन और पुलिस के बीच टकराव भी हुआ. जानकारी के मुताबिक किसान संगठन के लोग शराब फैक्ट्री के सामने चल रहे धरने में शामिल होने जा रहे थे. लेकिन पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की. इसी बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हो गया. किसान दल पुलिस के बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
5 महीने से चल रहा प्रदर्शन
रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले पांच महीने से किसान संगठन व ग्रामीण लोग शराब फैक्ट्री बंद करवाने की मांग को लेकर गांव मंसूरवाल कलां में धरना दे रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने धरनास्थल पर लगातार श्री अखंडपाठ का आयोजन करवाया हुआ है ताकि पुलिस उन्हें वहां से उठा न सके.
SAD के सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले में ट्वीट किया कि जीरा में शराब की भट्टी की स्थापना के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज निंदनीय है.