
बार-बार साल 2017 के चुनावी घोषणा पत्र को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) की नुक्ताचीनी रोकने के लिए अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ( Captain Amrinder Singh) ने कमर कस ली है. मुख्यमंत्री ने चुनावी घोषणा पत्र को लागू करने, निगरानी करने और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.
इस समिति की अध्यक्षता कैप्टन के बेहद करीबी कांग्रेस नेता लाल सिंह को सौंपी गई है जो चंडीगढ़ के सेक्टर-दो स्थित मुख्यमंत्री आवास से सरकारी कामकाज की देखरेख करेंगे. समिति के बाकी सदस्यों में तीन कांग्रेस विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कैप्टन संदीप संधू , स्तंभकार और पूर्व सेना अधिकारी मनदीप बाजवा को शामिल किया गया है.
समिति ना केवल पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतों और मांगो पर विचार करेगी बल्कि समय-समय पर सरकार को उचित सलाह -मशविरा भी देगी. कैप्टन अमरिंदर सिंह से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जल्द ही मुख्यमंत्री के कुछ और करीबियों को कुछ बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं जो राजनीतिक फैसले लेने में सरकार की मदद करेंगे. कैप्टन के करीबी लाल सिंह, समिति में शामिल विधायकों और दूसरे नेताओं के साथ के बीच समन्वय स्थापित करेंगे. लाल सिंह पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.
अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा करते रहे हैं सिद्धू
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और उनके सिपहसालार अक्सर अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहते हैं. मुख्यमंत्री पर आरोप है कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं और दूसरे नेताओं से बहुत कम संपर्क में रहते हैं. उनसे मिलना इतना आसान नहीं क्योंकि वह अक्सर अपने फार्म हाउस से ही सरकारी कामकाज निपटाते हैं.
कैप्टन के विरोधियों ने पार्टी हाईकमान के दरवाजे पर दस्तक देकर आरोप लगाया था कि अभी तक 2017 के कई बड़े चुनावी वायदे पूरे नहीं किए गए हैं. इनमें बिजली खरीदने के लिए किए गए समझौते रद्द करना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दलित उत्थान से जुड़े मुद्दे और कर्ज माफी आदि शामिल है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले दो-तीन महीनों से काफी व्यस्त नजर आ रहे हैं और उन्होंने कई बड़े फैसले भी लिए हैं. इन फैसलों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन को तीन गुना बढ़ाना और एक बड़ा बिजली खरीद समझौता रद्द करना भी शामिल है.
बादल पर सिद्धू का निशाना
उधर, बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकार वार्ता में एक तरफ जहां बादल परिवार को निशाना बनाया. वहीं, किसानों के मुद्दे पर अप्रत्यक्ष तौर पर एक बार फिर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. हालांकि नवजोत सिद्धू प्रत्यक्ष रूप से कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पूछे गए सवालों का जवाब टाल गए लेकिन गन्ने की कीमतों में की गई बढ़ोतरी पर कोई बात नहीं की. प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी गन्ने की बढ़ी हुई कीमतों पर कैप्टन की पीठ थपथपाई थी क्योंकि यह पड़ोसी राज्य हरियाणा से अधिक है.