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अमृतसर हादसा: कैप्टन ने किया सिद्धू का बचाव, बोले थे- परमात्मा का प्रकोप है

अमृतसर में पत्रकारों से बात के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा घटना को परमात्मा का प्रकोप कहने पर लोगों ने नाराजगी जताई. उनसे यह भी पूछा गया कि उन्हें यहां पहुंचने में आखिर इतनी देरी कैसे हुई?

फोटो- ANI फोटो- ANI
पन्ना लाल
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

अमृतसर ट्रेन हादसे पर पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का बचाव किया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि घटना को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू भी उतने ही दुखी हैं, जितना की कोई और. बता दें कि अस्पताल में घायलों से मिलने गए नवजोत सिंह सिद्धू ने इस घटना को कुदरत का कहर करार दिया था. सिद्धू ने कहा था कि ये हादसा परमात्मा का प्रकोप है और इसे किसी ने जानबूझकर नहीं किया है.

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जब सीएम अमरिंदर सिंह अमृतसर में शनिवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे तो उस वक्त उनसे सवाल पूछा गया, "नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि ये परमात्मा का प्रकोप है क्या ये उन लोगों के जख्मों पर नमक लगाने जैसा नहीं है जिन्होंने इस हादसे में अपना सब कुछ खो दिया है?"

इस के जवाब में कैप्टन ने कहा, "ये एक दुखद हादसा है, ऐसा हम सबने माना है, हो सकता है कि इन्होंने इसे अलग तरीके से कहा हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जो इन्होंने कहा है वो हमसे अलग है, सभी लोगों को दुख हुआ है, पूरे हिन्दुस्तान को दुख हुआ है...मिनिस्टर साहब को भी दुख हुआ है...लफ्ज कुछ और रहे...इसका ये मतलब नहीं है कि इनका कहना कुछ और था."

बता दें कि अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम को जहां यह रावण दहन का कार्यक्रम हुआ था, वहां सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद वे घटनास्थल छोड़कर चली आईं थीं, इस बात के लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी. हालांकि नवजोत कौर ने बाद में सफाई देते हुए कहा था कि वे अस्पताल में लोगों का इलाज कर रही थीं.

शुक्रवार शाम को विजयादशमी के मौके पर अमृतसर में जोड़ा फाटक पर 700 लोगों की भीड़ रावण दहन देख रही थी, तभी शाम लगभग सात बजे अमृतसर से होशियारपुर जा रही जालंधर-अमृतसर डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) पैसेंजर ट्रेन वहां से गुजरी. आतिशबाजी के कारण ज्यादातर लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन सके और मात्र 10 से 15 सेकेंड के अंदर वहां क्षत-विक्षत शव बिखरे पड़े थे और चीख पुकार मच गई थी.

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