
सरकार मेहरबान तो नेताओं के रिश्तेदार भी सरकारी पदों पर पहलवान! यही पंजाब में हो रहा है. जहां मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक के बेटे, दामाद दूसरे रिश्तेदार अहम पदों पर सरकारी कृपा पर रखे जा रहे हैं. दूसरी तरफ आम आदमी है पंजाब का जो रोजगार के लिए, अपने वेतन के अधिकार के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहा है.
एक तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (charanjit singh channi) और उनके डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा हैं. पंजाब की कांग्रेस सरकार है. जो अपनों को बड़े पदों, ऊंचे कदों और मोटी पोस्ट की रेवड़ी देने में व्यस्त हैं. दूसरी तरफ पक्की नौकरी के इंतजार में 18 साल से बदहाल छोड़े गए पंजाब के आम लोग हैं.
इसी महीने नवंबर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार महेंद्र सिंह केपी को कैबिनेट मंत्री की सुविधाएं दी गई. इसी महीने पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद तरुण वीर सिंह लेहल को एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाया गया.
सितंबर में कैबिनेट मंत्री रहे गुरप्रीत कांगड़ के दामाद गुलशेर सिंह को आबकारी एवं कराधान इंस्पेक्टर के तौर पर नियुक्ति दी गई. जून में कांग्रेस नेता राकेश पांडे के बेटे भीष्म पांडे को राजस्व विभाग में सरकारी कृपा के आधार पर तहसीलदार बना दिया गया.
18 साल से वेतन के नाम पर साढ़े तीन हजार रुपए
दूसरी तरफ पंजाब में हजारों ऐसे बेरोजगार हैं, दिहाड़ी से भी कम पर काम कर रहे हैं. इस बीच मोहाली में प्रदर्शन भी चल रहा है. ऐसे हजारों लोग हैं जिन्हें 18 साल से वेतन के नाम पर साढ़े तीन हजार रुपए मिलते हैं. पढ़े लिखे ये शिक्षक दिहाड़ी मजदूर से भी कम पाते हैं.
पंजाब में बेरोजगार लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं. यही हाल कैप्टन राज में रहा. यही हाल चुनाव से पहले कैप्टन बनाए गए चन्नी राज में चल रहा है.
इनपुट - आजतक ब्यूरो