
2015 में पंजाब के विभिन्न स्थानों में हुए धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों को लेकर 4 जुलाई को दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया है कि जांच के दौरान बेअदबी के कथित आरोपियों के खिलाफ उसे कोई सुबूत नहीं मिला.
सीबीआई ने डेरा सच्चा सौदा समर्थक महेंद्र पाल सिंह बिट्टू सहित बाकी आरोपियों के वॉयस सैंपल और फिंगरप्रिंट्स की सीएफएल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई थी. यानी यह सभी आरोपी गुरु ग्रंथ साहिब के पन्ने फाड़ने और पोस्टर चिपकाने की घटनाओं में शामिल नहीं थे. बता दें, महेंद्र पाल सिंह की हाल ही में पटियाला की हाई सिक्योरिटी जेल में हत्या कर दी गई थी.
'निर्दोष था महेंद्र पाल सिंह बिट्टू'
सीबीआई को महेंद्र पाल सिंह बिट्टू और दूसरे आरोपियों के पॉलीग्राफ यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट में भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली. बता दें, महेंद्र पाल सिंह बिट्टू और दूसरे आरोपी बेअदबी के आरोप नकारते रहे रहे थे. सीबीआई की रिपोर्ट से साबित होता है कि मृतक महेंद्र पाल सिंह बिट्टू निर्दोष था.
आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले
सीबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि बेअदबी के आरोपियों के खिलाफ की गई जांच में उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले. यहां तक की पुलिस ने बेअदबी की घटनाओं और उसके बाद उपजे विवाद को लेकर जो भी सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन के रिकॉर्ड हासिल किए थे, उनमें भी कुछ नहीं निकला.
क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ पिटिशन दाखिल करेंगे शिकायकर्ता
उधर बेअदबी के मामलों में शिकायतकर्ताओं ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर हैरानी जताई है. शिकायतकर्ताओं के वकील गगन प्रदीप सिंह ने बताया कि वह 23 अगस्त के दिन क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ एक प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल करेंगे, ताकि बेअदबी के लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके. गगन प्रदीप सिंह ने कहा कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट गैर कानूनी है, क्योंकि राज्य सरकार सीबीआई को जांच एजेंसी के तौर पर डिनोटिफाई कर चुकी थी.
बेअदबी के 6 मामले हुए थे दर्ज
गौरतलब है कि साल 2015 और 2016 में पंजाब के विभिन्न स्थानों पर हुए बेअदबी के मामलों को लेकर कुल 6 प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें से तीन की जांच सीबीआई को और बाकी की तीन की जांच राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी को सौंपी गई थी. सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. पंजाब सरकार की एसआईटी जांच कर रही है.