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नवजोत सिंह सिद्धू को चंडीगढ़ PGI में कराया गया भर्ती, कोर्ट ने दिया था आदेश

नवजोत सिद्धू ने कोर्ट में अर्जी लगाकर खराब सेहत का हवाला देते हुए इलाज कराने की अनुमति मांगी थी. इस पर सेशन कोर्ट ने जेलर को नवजोत सिंह सिद्धू का इलाज पीजीआई में कराने का आदेश दिया था.

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो) नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
मुनीष कौशल
  • चंडीगढ़,
  • 06 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST
  • सेशन कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे सिद्धू
  • रोड रेज मामले में 1 साल की सजा काट रहे सिद्धू

पटियाला कोर्ट में सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू को चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया गया है. दरअसल, सिद्धू ने अर्जी लगाकर खराब सेहत का हवाला देते हुए इलाज कराने की अनुमति मांगी थी. इस पर सेशन कोर्ट ने जेलर को नवजोत सिंह सिद्धू का इलाज पीजीआई में कराने का आदेश दिया था. 

पटियाला जेल प्रशासन ने सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू को चंडीगढ़ के पीजीआई में उनके सभी टेस्ट और जांच कराने के लिए भर्ती कराया है. 

सिद्धू को दी जा रही स्पेशल डाइट

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इससे पहले सिद्धू ने जेल का खाना खाने से इनकार कर दिया था. सिद्धू ने कहा था कि वे गेहूं की रोटी नहीं खा सकते. लंबे समय से वह रोटी नहीं खा रहे हैं, इसलिए उन्होंने स्पेशल डाइट मांगी थी. हालांकि, जांच के बाद कोर्ट ने स्पेशल डाइट की अनुमति दे दी थी. सिद्धू को डाइट चार्ट में सलाह दी गई है कि वे रोज सुबह रोजमेरी चाय (Rosemary Tea), सफेद पेठे का आधा ग्लास जूस या नारियल पानी पीएं.

इसके अलावा लंच से पहले बीटरूट, घीया, खीरा, मौसमी, तुलसी, आंवला का एक ग्लास जूस जरूर पीएं. या फिर तरबूज, खरबूज, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, सेव या बेल का जूस पी सकते हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक जूस नहीं लेने की स्थिति में अंकुरित काले चने के साथ हरा चना, खीरा, टमाटर, नींबू का सेवन करें. नाश्ते में एक ग्लास दूध के साथ ही एक चम्मच अलसी, खरबूज या सनफ्लॉवर के बीज लें. साथ ही 5-6 बादाम, 1 अखरोट और 2 पेकन नट भी खाएं.

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जेल में सजा काट रहे सिद्धू 

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई है. दरअसल, सिद्धू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक शख्स की पिटाई की थी. इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. हालांकि, रिपोर्ट में सामने आया था कि शख्स की मौत हार्ट अटैक पड़ने से हुई. 

इस मामले में सिद्धू को निचली अदालत ने बरी कर दिया था. लेकिन हाईकोर्ट ने सिद्धू को 3 साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद सिद्धू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी गई थी. 15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को इस मामले में 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. लेकिन पीड़ितों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई.

 

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