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'दिल्ली मॉडल अपनाते ही पंजाब के लोगों को लगा बिजली का झटका', अकाली दल की चुटकी

भारत में गुरुवार को बिजली की मांग 201 गीगावाट तक पहुंच गई. वहीं, इस दौरान देशभर में 8.2 गीगावाट की कमी भी दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत में बिजली संकट और गहरा सकता है

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 28 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST
  • पंजाब की खेती को तबाह करने की कोशिश: भूंदड़
  • ट्रांसमिशन लाइंस में आने वाली गड़बड़ियां जिम्मेदार: मंत्री
  • बिजली कटौती झेल रहे लोग

पंजाब में लगातार बिजली का संकट गहराता जा रहा है. कोयले की आपूर्ति कम होने से राज्य में थर्मल पावर प्लांट में बनने वाली बिजली का उत्पादन लगभग आधा हो गया है. मांग और उत्पादन में असंतुलन पैदा होने के बाद बिजली की आपूर्ति गड़बड़ा गई है.

पंजाब के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दिन और रात में कई बार घंटों अघोषित कट लगाए जा रहे हैं. बिजली की आपूर्ति बाधित होने से एक तरफ जहां आम लोग परेशान हो रहे हैं वहीं बैठे-बिठाए विपक्ष के हाथ भी एक बड़ा मुद्दा लग गया है.

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शिरोमणी अकाली दल ने पंजाब में लगातार गहराता जा रहे बिजली संकट को लेकर चुटकी लेते हुए कहा है कि दिल्ली मॉडल पंजाब में आते ही बिजली गुल कर गया.

अकाली दल के नेता बलविंदर ने 'आप' को घेरा

चंडीगढ़ से जारी एक बयान में अकाली नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मॉडल की बात करके पंजाब को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति देने का वादा किया था, लेकिन हकीकत यह है कि गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही राज्य में कई घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है.
 
''अगर यही दिल्ली मॉडल है तो इससे न केवल राज्य की कृषि और औद्योगिक अर्थव्यवस्था का विनाश होगा, बल्कि आम आदमी की कठिनाईयों मैं भी इजाफा होने वाला है. बिजली के ब्रेक डाउन ने साबित कर दिया है कि आम आदमी पार्टी के पास पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई विजन डॉक्यूमेंट नही है,'' बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा.
 
भूंदड़ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बिजली की स्थिति की समीक्षा करने और अपने राज्य को व्यवस्थित करने के लिए कहा है. अकाली दल नेता ने दावा किया कि राज्य ने सरदार प्रकाश सिंह बादल की  सरकार के दौरान बिजली सरप्लस बनने का गौरव हासिल किया था और राज्य की बिजली उपयोगिता को देश में सर्वक्षेष्ठ स्थान दिया गया था.

'ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली कटौती' 
 
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि अब स्थिति ऐसी हो गई है कि पंजाबी ग्रामीण इलाकों को 18 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, और यहां तक कि शहरी इलाकों में भी लगातार आठ घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है.

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अकाली नेता ने कहा कि यदि सरकार ने समय पर आवश्यक व्यवस्था नहीं की तो धान की फसल पूरी तरह खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि आलू उत्पादकों और सब्जियों की खेती करने वालों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें अपने खेतों की सिचांई के लिए डीजल जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ रहा है. बिजली की कमी किसानों को वैकल्पिक फसलें उगाने की अनुमति नही दे रही है.

यह कहते हुए कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन भी बाधित हुआ है, सरदार भूंदड़ ने कहा कि बिजली की अनिर्धारित कटौती के कारण कई क्षेत्रों में पानी आपूर्ति भी बाधित हुई है. शहरी क्षेत्रों में  डीजल जनरेटर जो पहले बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होने के कारण गायब हो गए थे, वापिस लगाए जा रहे हैं. उन्होने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र जो पहले कोविड महामारी के कारण पहले मंदी में रहने के बाद वापसी करने की कोशिश कर रहा है, वह भी अनिर्धारित बिजली कटौती के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

आम आदमी पार्टी ने सभी आरोप किये खारिज

भूंदड़ ने मुख्यमंत्री से धान की खेती के मौसम के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ साथ इंडक्शन फर्नेस सहित भारी उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी अपील की है.

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उधर अकाली दल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार बिजली आपूर्ति से जुड़ी हुई किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए हाल ही में एक बड़ा समझौता किया है, जिससे राज्य को सालाना डेढ़ सौ करोड़ रुपए का फायदा होगा.

बिजली की कटौती पर सफाई देते हुए हरभजन सिंह ने कहा कि कटौती के लिए ट्रांसमिशन लाइन में आने वाली गड़बड़ियां जिम्मेवार है जिन को सुधारते वक्त बिजली की आपूर्ति बंद रहती है. उधर आम लोगों ने सरकार से अपील की है कि सरकार बिजली की आपूर्ति पर ध्यान दे, क्योंकि उनको नि:शुल्क बिजली नहीं, बल्कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति चाहिए.
 

 

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