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पंजाब: रेल ब्लॉकेड खत्म करने पर किसान राजी, कल से पैंसेजर्स ट्रेन शुरू करने का प्लान

किसानों के ट्रैक खाली करने के ऐलान के बाद रेलवे ने पंजाब के लिए 24 नवंबर से 17 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को बहाल करने को लेकर एक अस्थायी प्लान तैयार किया है. रेवले की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 23 नवंबर की शाम से पंजाब के लिए ट्रेनों की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है.

 रेलवे का पैंसेजर्स ट्रेनों को शुरू करने का प्लान (फाइल फोटो-PTI) रेलवे का पैंसेजर्स ट्रेनों को शुरू करने का प्लान (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST
  • कुल 17 ट्रेनों को बहाल किया जाएगा
  • पंजाब के लिए 8 ट्रेनें चलाने का प्लान
  • जम्मू और कटरा के लिए नौ ट्रेनें चलेंगी

ट्रेन के जरिये पंजाब आने-जाने वालों को राहत मिली है. कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने रेल ट्रैक को 15 दिन तक खाली करने का ऐलान किया है जिससे ट्रेन की आवाजाही मुमकिन हो सकेगी. लिहाजा, रेलवे ने पंजाब क्षेत्र के लिए 24 नवंबर से 17 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को बहाल करने के लिए एक अस्थायी योजना बनाई है. 

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असल में, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद पंजाब में किसान 15 दिन तक रेल ट्रैक को खाली करने पर राजी हो गए हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के इस ऐलान से यात्री और माल गाड़ियों को चलने को हरी झंडी मिल गई है. 

किसानों के ट्रैक खाली करने के ऐलान के बाद रेलवे ने पंजाब के लिए 24 नवंबर से 17 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को बहाल करने को लेकर एक अस्थायी प्लान तैयार किया है. 

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रेवले की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 23 नवंबर की शाम से पंजाब के लिए ट्रेनों की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है. प्लान को लेकर राज्य सरकार और सुरक्षा इकाइयों से संबंधित डिवीजनों को सूचना दे दी गई. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक उत्तर रेलवे ने बताया कि कुल 17 ट्रेनों को बहाल किया जाएगा, जिसमें पंजाब क्षेत्र के लिए आठ और जम्मू और कटरा के लिए नौ ट्रेनें शामिल हैं. हालांकि, सोमवार को सभी ट्रेनें रद्द रहेंगी. 23 और 24 नवंबर को निर्धारित 26 विशेष ट्रेनें रद्द रहेंगी.

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रिस्पॉन्स नहीं मिला तो फिर करेंगे जाम

पंजाब में किसानों के विरोध के कारण लगभग दो महीने तक स्थगित रहने के बाद ट्रेनों का यह पहला बेड़ा होगा जो संचालित होने वाला है. फिलहाल रेलवे ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से ट्रेनें 60 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति सीमा को बनाए रखेंगी.

किसानों ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद रेल ट्रैक को खाली करने का फैसला लिया है. लेकिन 15 दिन में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो किसान फिर से रेलवे को जाम कर सकते हैं. किसान संगठनों ने साफ किया कि अगर 15 दिन में केंद्र सरकार के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ती और कोई सकारात्मक रिस्पांस नहीं मिलता फिर से अपना आंदोलन शुरू करेंगे. 


 

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