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किसानों के आंदोलन से रेल यातायात प्रभावित, पंजाब और हरियाणा में फंसे सैकड़ों यात्री

पंजाब में किसानों के आंदोलन का आज तीसरा दिन है. रेल रोको आंदोलन के चलते कई ट्रेनों की आवाजाही पर प्रभाव पड़ा है जिससे यात्रियों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है.

Rail Roko Andolan Rail Roko Andolan
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

पंजाब के किसान केंद्र सरकार से नाराज हैं और उनके रेल रोको आंदोलन का आज तीसरा दिन है. किसानों के आंदोलन के चलते ट्रेनों की आवाजाही पर प्रभाव पड़ रहा है. आंदोलन के चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है, तो कई ट्रेनों का शॉर्ट टर्मिनेशन तो वहीं, कुछ के रूट्स बदले गए हैं.  किसान आंदोलन का मुरादाबाद मंडल के परिचालन पर भी प्रभाव पड़ा है. यहां लगभग 10 लोकल ट्रेन को रद्द और 12 लोकल ट्रेन को गंतव्य से पहले रोकना पड़ा है.यात्रियों को SMS के माध्यम से प्रभावित ट्रेन की सूचना दी जा रही है. 

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किसान अपने तीन दिवसीय आंदोलन के तहत फरीदकोट, समराला, मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक अवरुद्ध कर रहे हैं. आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों रेल यात्री फंसे हुए हैं. लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. 

यात्रियों को हो रही परेशानी
मीडिया से बातचीत में एक यात्री ने बताया कि वो गोरखपुर जाने के लिए जालंधर से लुधियाना सड़क मार्ग से आए, लेकिन लुधियाना स्टेशन पर ट्रेन कब आएगी इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. स्टेशन पर एक अन्य यात्री ने बताया कि आंदोलन के कारण अमृतसर से एक ट्रेन रद्द की गई. इस ट्रेन में उनके परिवार के 12 सदस्यों को बिहार जाना था. इसके बाद उन्हें पता चला कि ये ट्रेन लुधियाना से निकलेगी. वो अपने परिवार को सड़क के रास्ते से लुधियाना लेकर गए, लेकिन वहां भी उन्हें ट्रेन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. अधिकारियों की मानें तो किसानों के रेल रेको आंदोलन का सीधा-सीधा असर अंबाला और फिरोजपुर डिविजन पर पड़ा है. 

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किसानों की क्या है मांग? 
किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे कई किसानों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे. इनमें से कई किसानों के ऊपर दर्ज मामले वापस नहीं हो पाए हैं. किसानों की मांग है कि इन मामलों को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड को लेकर किसान मुखर हैं. उनका कहना है कि इस मामले में अभी तक इंसाफ नहीं हो पाया. उन्हें जल्द से जल्द इंसाफ मिलना चाहिए. 

बाढ़ के हुए नुकसान की भरपाई के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दे सरकार
साथ ही किसानों ने प्रदेश में कई जगहों पर आई बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के 50000 करोड रुपए के पैकेज की मांग की है. इसके अलावा  किसानों ने एमएसपी कानून गारंटी कानून बनाने, मनरेगा योजना के तहत हर साल 200 दिन का रोजगार, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों और मजदूरों का कुल कर्ज खत्म करने की भी मांग पर वे अड़े हैं. बता दें कि पिछले दिनों इन्हीं मांगों को लेकर 21 अगस्त को चंडीगढ़ कूच किया था. इसे विफल करने के लिए पंजाब सरकार ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार किया था.

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