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पंजाब: कब पूरा होगा पहला वादा? 300 यूनिट फ्री बिजली देने में अभी ये दिक्कतें

पंजाब की आप सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. ये चुनौती फ्री बिजली वाले वादे को लेकर है. अभी तक पार्टी अपने इस वादे को लेकर कोई कदम नहीं उठा पाई है.

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल आप संयोजक अरविंद केजरीवाल
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST
  • केजरीवाल का फ्री बिजली था सबसे पहला वादा
  • मंत्री बोले- राज्य पर भारी आर्थिक बोझ है

पंजाब चुनाव में प्रंचड जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी ने जनता से कई बड़े वादे किए हैं. सबसे बड़ा वादा तो उस 300 यूनिट फ्री बिजली का रहा जिसे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की पहली गारंटी बताया था. लेकिन अब इसी वादे को पूरा करना पंजाब सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है.

पंजाब में आप सरकार का पहला यू टर्न?

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इसका सबसे बड़ा संकेत तो ये है कि आप सरकार की तरफ से सबसे पहले बेरोजगारी को लेकर फैसला लिया गया. सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया कि सरकारी दफ्तरों में 25 हजार नियुक्तियां की जाएंगी. अब इस फैसले का सबने स्वागत जरूर किया, लेकिन पार्टी के लिए ये उनके कार्यकाल का ये सबसे पहला यू टर्न साबित हुआ.

दरअसल अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि मैं जो भी कहता हूं वो केजरीवाल की गारंटी मानकर चलिए. जैसे ही सरकार बनेगी, सबसे पहला फैसला 300 यूनिट फ्री बिजली को लेकर लिया जाएगा. बिजली के बिलों को भी माफ किया जाएगा. हां 24 घंटा बिजली मिलने में कुछ समय लग जाएगा.

अब केजरीवाल के उस वादे के बावजूद भी पंजाब सरकार ने सबसे पहले नई भर्तियों को लेकर फैसला किया और फ्री बिजली का कही कोई जिक्र भी नहीं हुआ. अब इस बारे में जब पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों की वजह से इस राज्य की अर्थव्यवस्था पर बड़ा बोझ है. आने वाले बजट में हम हर गारंटी को पूरा करने वाले हैं.

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विपक्ष हमलावर, चुनौतियां बड़ी

लेकिन इन दावों पर अकाली दल ने सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी माने तो जो वादे किए गए हैं, वो राज्य के सीमित संसाधनों को ध्यान में रखकर नहीं किए गए हैं. उनका कहना है कि आप सरकार को उनके वादे पूरा करने के लिए कुछ समय देना चाहिए. वैसे एक वादा तो पंजाब सरकार ने राज्य की महिलाओं से भी किया है. महिलाओं को हर महीना हजार रुपये देने की बात की है. उस योजना के लिए भी 12 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है.

अब ये वादे कब पूरे होते हैं, ये तो समय बताएगा लेकिन सीएम भगवंत मान का पीएम मोदी से मिलना भी एक नया विवाद खड़ा कर गया है. जब से सीएम मान की तरफ से केंद्र सरकार से पंजाब के लिए एक लाख करोड़ के पैकेज की मांग कर दी गई है, विपक्षी पार्टियां इसे एक बड़ा मुद्दा बना रही हैं. नवजोत सिंह सिद्धू तो यहां तक कह गए हैं कि आप लोगों ने तो भ्रष्टाचार खत्म कर 30 हजार करोड़ जोड़ने की बात की थी, रेत माफिया के जरिए भी 20 हजार करोड़ का इंतजाम करने वाले थे, लेकिन अब केंद्र के सामने भीख का कटोरा लेकर चले गए हैं.

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