
पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच में चल रहे विवाद को थामने की कोशिशें होने लगी हैं. राज्य सरकार की ओर से की गईं नियुक्तियों की वजह से सिद्धू की नाराजगी सामने आई थी. इसके बाद अब इन विवादों को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अहम फैसला लिया है. दरअसल, पंजाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील राजविंदर सिंह बैंस को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त करने का निर्देश जारी किया है.
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच में चंडीगढ़ के पंजाब भवन में दो घंटे लंबी बैठक चली थी. इसमें वर्तमान विवाद को खत्म करने के लिए कुछ मुद्दों पर सहमति बनी थी. नवजोत सिंह सिद्धू को संतुष्ट करने के लिए पंजाब सरकार ने गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर हुई फायरिंग के मामलों की पैरवी करने के लिए बैंस को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया है.
नवजोत सिंह सिद्धू बैठक में एडवोकेट जनरल और डीजीपी को हटाने पर अड़ गए थे, जबकि बैठक में ही चन्नी ने कहा था कि जिन मामलों में सिद्धू को ऐतराज है, उन पर स्पेशल सॉलिसिटर को लगाया जा सकता है. हालांकि, एडवोकेट जनरल को हटाने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा, सिद्धू को जानकारी दी गई थी कि आईपीएस सहोता अभी डीजीपी के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले सिद्धू को आईपीएस सहोता की नियुक्ति से भी नाराजगी है. उन्होंने बैठक में शामिल होने के लिए जाते समय ट्वीट किया था कि डीजीपी आईपीएस सहोता बादल सरकार के तहत बेअदबी मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख थे. उन्होंने दो सिख युवकों को बेअदबी के लिए गलत तरीके से आरोपित किया और बादल को क्लीन चिट दे दी. साल 2018 में, मैंने कांग्रेस के मंत्रियों, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री के साथ न्याय की लड़ाई में हमारे समर्थन का आश्वासन दिया था.