
पंजाब सरकार एक फरवरी से उद्योग समेत सभी गैर-छूट वाले उपयोगकर्ताओं पर राज्य से भूजल निकालने के लिए टैक्स लेना शुरू कर देगी. पंजाब वाटर रेगुलेशन एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (PWRDA) ने इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.
पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए नए नोटिफिकेशन के मुताबिक, कृषि, पीने और घरेलू उपयोग के लिए पानी पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. इसके अलावा निर्देशों में सरकारी जल आपूर्ति योजनाओं, सैन्य और केंद्रीय अर्धसैनिक प्रतिष्ठानों, शहरी स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थानों, छावनी बोर्डों, सुधार ट्रस्टों, क्षेत्र विकास प्राधिकरणों और पूजा स्थलों को भी छूट दी गई है.
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उन सभी उपयोगकर्ताओं के लिए भी छूट प्रदान की गई है जो प्रति माह 300 क्यूबिक मीटर से कम भूजल निकालते हैं. नई अधिसूचना के अनुसार, सभी गैर-छूट वाले उपयोगकर्ताओं को भूजल निकालने की अनुमति के लिए प्राधिकरण को एक आवेदन जमा करना होगा और भूजल शुल्क 1 फरवरी से शुरू होगा.
पंजाब में भूजल निकालने के लिए राज्य को तीन ब्लॉकों (हरा, पीला और ऑरेंज) में वर्गीकृत किया गया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, ग्रीन जोन में, भू-जल के निष्कर्षण की मात्रा के आधार पर शुल्क 4 रुपये से 14 रुपये प्रति घन मीटर के बीच अलग-अलग होंगे. येलो जोन में 6 से 18 रुपये प्रति घन मीटर के बीच होगा और ऑरेंज क्षेत्र में शुल्क 8 रुपये से शुरू होकर 22 रुपये प्रति घन मीटर होगा.
ये टैक्स जमीन से जल निकालने की मात्रा के हिसाब से अलग-अलग श्रेणियों के हिसाब से लिया जाएगा. जिसमें प्रति माह 300 से 1,500 क्यूबिक मीटर से अधिक, 1,500 से 15,000 क्यूबिक मीटर से अधिक, 15,000 रुपये से 75,000 क्यूबिक मीटर से अधिक और 75,000 क्यूबिक मीटर से अधिक शामिल हैं. नोटिफिकेशन के मुताबिक, पानी निकालने की अनुमति के लिए एक गैर-वापसी आवेदन शुल्क भी लिया जाएगा.
PWRDA ने कहा कि नोटिफिकेशन का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं द्वारा जल संरक्षण को बढ़ावा देना और सुनिश्चित करके जल संतुलन में सुधार करना है. इसके अलावा ये भी सुनिश्चित किया जाए कि भूजल निकालने के लिए सभी उपयोगकर्ता शुल्क भुगतान करेंगे. इस शुल्क का उपयोग आंशिक रूप से जल संरक्षण के लिए किया जाएगा.