
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी लोगों को अवैध शराब मिल रही है. सारण और सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 57 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह अवैध देशी शराब से लोगों को दूर करने के लिए एक स्वस्थ विकल्प के रूप में देसी शराब का हेल्दी वैरिएंट प्रदान करने की योजना बना रही है.
पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वह नकली और जहरीली शराब की बिक्री की पूरी गंभीरता से जांच करा रही है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को शराब की भट्टियों और नकली शराब बनाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी पूरा ब्यौरा दिया. जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है. हालांकि इस दौरान याचिकाकर्ता ने यह सवाल भी उठाया कि पंजाब सरकार ने अपने हलफनामे में शराब मिलने की बात तो कही है लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि वह शराब कारखाने किसके थे या किसकी शह पर चल रहे थे. उन परदे के पीछे से गोरखधंधा करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार ने क्या किया है?
इस मामले में 10 फरवरी को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 10 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख तय करते हुए पंजाब सरकार से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट के साथ जवाबी हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया. पंजाब सरकार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को ये भी कह दिया गया है कि राज्य भर में कोई भी अवैध शराब भट्ठी या कारोबार चलता पाया गया तो स्थानीय पुलिस को इसका जिम्मेदार माना जाएगा. सरकारी महकमे इस बाबत जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं.
'बड़ी भट्टियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं'
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि जहां तक पहले की घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई है, जांच सही दिशा में नहीं है और जिन लोगों ने नकली शराब का निर्माण और आपूर्ति की है, उनके लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो शराब पहुंचा रहे हैं, लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि शराब किसने बनाई. भट्टी चलाने वाली जमीन का मालिक कौन है. छोटी भट्टियों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है, लेकिन बड़ी भट्टियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं.
पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि नकली शराब के अवैध निर्माण को रोकने के लिए और कदम उठाए जा रहे हैं. बताया गया है कि जिस इलाके में अवैध भट्टियां पाई जाएंगी, इसके लिए स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इसको लेकर 7 दिसंबर को सर्कुलर भी जारी किया गया है.