
पंजाब की भगवंत मान सरकार और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच चली आ रही तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से उन लंबित बिलों को लेकर शिकायत की थी, जिन पर उन्होंने अपनी स्वीकृति नहीं दी है.
सीएम के रिमाइंडर के बाद अब राज्यपाल का रिएक्शन आ गया है. उन्होंने कहा कि विधेयक विचाराधीन हैं और कानून के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा.
इसका मतलब साफ है कि गवर्नर बनवारी लाल ने अभी तक उन विधेयकों पर अपनी मुहर नहीं लगाई है, जो पंजाब सरकार की ओर से 20-21 जून के सत्र के दौरान पारित किए गए थे. वहीं, पंजाब कैबिनेट ने आगामी 28 और 29 नवंबर को राज्य विधानसभा के 2 दिवसीय शीतकालीन सत्र को मंजूरी दे दी है.
किन विधेयकों पर लगनी है राज्यपाल की मुहर?
1. सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक 2023, जिसका उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का मुफ्त प्रसारण सुनिश्चित करना है.
2. पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक 2023 में राज्य पुलिस प्रमुख के चयन में केंद्र में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की भूमिका को दरकिनार करने की मांग की गई है.
3. पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक 2023 के तहत राज्यपाल को हटाकर मुख्यमंत्री को राज्य संचालित विश्वविद्यालयों का चांसलर बनाना था.
ये विधेयक 20-21 जून के सत्र के दौरान पारित किए गए थे और इन्हें कानून बनने के लिए राज्यपाल की सहमति की जरूरत है.