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पंजाब: हर बच्चा 'प्रिंस' जैसी किस्मत नहीं लाता... बोरवेल में गिरने वाले ऋतिक की कहानी

पंजाब के होशियारपुर में बोरवेल में गिरने की वजह से 6 साल के ऋतिक की मौत हो गई. आठ घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था, उसे बोरवेल से बाहर भी निकाला गया, लेकिन अस्पताल में ऋतिक ने दम तोड़ दिया.

बोरवेल में गिरने वाले ऋतिक की मौत बोरवेल में गिरने वाले ऋतिक की मौत
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 23 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:47 AM IST
  • भागते समय बोरवेल में गिरा था ऋतिक
  • 2006 में 50 घंटे बाद हुआ था प्रिंस का रेस्क्यू

पंजाब के होशियारपुर के गदरीवाला गांव में बोरवेल में गिरे छह साल के ऋतिक की मौत हो गई. तमाम प्रयासों के बावजूद भी बच्चे को नहीं बचाया जा सका. करीब आठ घंटे तक NDRF, आर्मी और पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. ऋतिक को उस बोरवेल से बाहर भी निकाला गया, लेकिन तब तक काफी देर हो गई और अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

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प्रिंस के साथ क्या हुआ था?

अब पंजाब के इस हादसे ने 2006 की उस घटना को ताजा कर दिया है जब चार साल का प्रिंस एक 60 फीट गहरी बोरवेल में जा गिरा था. दोस्तों के साथ खेल रहा था, चेहू को पकड़ने का प्रयास था, लेकिन तभी वो अचानक से एक बोरवेल में जा गिरा. उस समय भारतीय सेना ने आगे आकर रेस्क्यू का जिम्मा संभाला था और 50 घंटे बाद प्रिंस का सफल रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू के दौरान तब समय-समय पर प्रिंस को बिस्किट से लेकर पानी तक पहुंचाया जा रहा था. उसे अंधेरे से डर ना लगे, इसलिए बोरवेल में लाइट तक का इंतजाम कर दिया गया था.

(गैटी इमेज)

प्रिंस की तो ऐसी किस्मत रही कि वो पचास घंटे फंसे रहने के बाद भी जिंदा बाहर निकाल लिया गया. लेकिन होशियारपुर के ऋतिक के साथ ऐसा नहीं हो पाया. उसे भी बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक अगर सिर्फ एक घंटा पहले उसे निकाल लिया होता, तो वो बच सकता था.

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पंजाब में ऋतिक के साथ क्या हुआ?

हादसे के बारे में ऋतिक की बहन ने बताया है कि वे साथ में खेल रहे थे. लेकिन तभी सड़क पर कुछ कुत्ते आ गए जिन्हें देख ऋतिक डर गया और भागने लगा. खुद को कुत्ते से बचाने के चक्कर में वो बोरवेल में जा गिरा. ऋतिक की बहन ने जानकारी दी कि उसका भाई पिछले 6 साल से अपना इलाज करवा रहा था और उसे कुत्तों से काफी डर लगता था.

खैर हादसे वाले दिन जब ऋतिक बोरवेल में गिर गया, तब बहन ने सबसे पहले मदद की गुहार लगाई. उस समय ऋतिक की मदद करने के लिए बाबा दीप सिंह ट्रस्ट के कुछ लोग आए थे. वो अपने साथ एक जेसीबी मशीन, ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए थे. बाद में पुलिस, सेना और NDRF की टीमें भी मौके पर पहुंचीं. उस समय ऋतिक को क्लिप फिट पाइप के जरिए बाहर निकालने की कोशिश रही, लेकिन साथ ही साथ पास की एक फील्ड में भी 20 से 25 फीट मिट्टी खोद दी गई थी. किसी भी तरीके से ऋतिक को बाहर निकालना था. करीब आठ घंटे बाद क्लिप फिट पाइप के जरिए ही ऋतिक को बोरवेल से बाहर निकाला गया. जब उसका रेस्क्यू हुआ, वो बेहोश था. उसे तुरंत होशियारपुर सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. लेकिन कुछ ही देर में उसकी मौत की खबर सामने आ गई. 

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ऋतिक के परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई है. सरकार ने इस बात का भी आश्वासन दिया है कि पंजाब के हर खुले बोरवेल को तुरंत बंद करवाया जाएगा.

गरीब परिवार से आता था ऋतिक

पीड़ित के परिवार की बात करें तो वे काफी गरीब हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी सही नहीं चल रही है.ऋतिक का परिवार यूपी के बिजनौर का रहने वाला है. लेकिन काम की तलाश में उसके माता-पिता साल 2004 में होशियारपुर आ गए. ऋतिक के दोनों माता-पिता पिछले 18 साल से खेत में मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ खुद ऋतिक की तबीयत ज्यादा ठीक नहीं रहती थी, ऐसे में उसके इलाज में भी पैसे जाते थे. लेकिन अब वही परिवार मातम में है. उन्होंने अपने 6 साल के बेटे को हमेशा के लिए खो दिया है.

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