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पंजाब निकाय चुनाव: BJP-अकाली दल साफ, कांग्रेस ने लहराया परचम, बठिंडा में टूटा 5 दशक पुराना रिकॉर्ड

किसान आंदोलन के साये में हुए पंजाब के निकाय चुनावों में कांग्रेस का दबदबा दिखा है. नगर निगमों में कांग्रेस ने अकाली दल और बीजेपी को करारी मात दी है.

बठिंडा में टूटा पांच दशक पुराना रिकॉर्ड बठिंडा में टूटा पांच दशक पुराना रिकॉर्ड
aajtak.in
  • चंडीगढ़,
  • 17 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST
  • पंजाब निकाय चुनावों के नतीजे घोषित
  • नगर निगमों में कांग्रेस पार्टी की धूम
  • बीजेपी और अकाली दल का सूपड़ा साफ

पंजाब के निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी का डंका जमकर बजा है. बुधवार को घोषित किए गए नतीजों में नगर निगम और नगर पंचायतों में कांग्रेस पार्टी का दबदबा देखने को मिला. कांग्रेस पार्टी ने यहां बाटला, बठिंडा, मोगा, कपूरथला, पठानकोट नगर निगम में जीत हासिल कर ली है. नगर निगमों के अलावा कांग्रेस ने अभी तक 98 म्युनसिपल काउंसिल में जीत दर्ज कर ली है.

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इन निकाय चुनावों के नतीजे इसलिए भी खास हो जाते हैं, क्योंकि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की शुरुआत पंजाब से ही हुई थी. ऐसे में इन्हें कृषि कानूनों पर एक लिटमेस टेस्ट माना जा रहा था.

अभी तक के जो नतीजे सामने आए हैं, उनके मुताबिक ये स्थिति है:
•    बाटला नगर निगम: कांग्रेस 35, अकाली दल 6, बीजेपी 4, AAP 3, निर्दलीय 1
•    मोगा नगर निगम: कांग्रेस 20, अकाली दल 15, बीजेपी 1, AAP 4, निर्दलीय 10
•    कपूरथला नगर निगम: कांग्रेस 43, अकाली दल 3, निर्दलीय 2
•    पठानकोट नगर निगम: कांग्रेस 37, अकाली दल 1, बीजेपी 11, निर्दलीय 1
•    अबोहर नगर निगम: कांग्रेस 49, अकाली दल 1

कांग्रेस नेता मनप्रीत सिंह बादल ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है कि बठिंडा में भी कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है. ये करीब 53 साल बाद हुआ है, जब बठिंडा में कांग्रेस पार्टी का मेयर बनेगा. आपको बता दें कि इससे पहले बठिंडा नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल का कब्जा था.

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नगर निगमों के अलावा नगर पंचायत और अन्य निकाय चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी लगातार बढ़त बनाए हुए है. गुरदासपुर शहर में भी कांग्रेस पार्टी ने सभी वार्डों में जीत हासिल कर ली है, यहां के सभी 29 वार्ड कांग्रेस के खाते में गए हैं. गुरदासपुर से बीजेपी के सनी देओल सांसद हैं.

निकाय चुनावों में किसान आंदोलन का साया
आपको बता दें कि इस बार के नगर निकाय चुनाव किसान आंदोलन की छाया में हो रहे हैं. केंद्र द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब से ही आंदोलन की शुरुआत हुई थी. यहां पर अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी का भी जमकर विरोध किया गया था.

आपको बता दें कि पंजाब में 14 फरवरी को निकाय चुनाव के लिए वोट डाले गए थे, इस बार करीब 71 फीसदी मतदान हो पाया था. चुनावों में कुल 9222 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है.

राज्य में सबसे अधिक उम्मीदवार निर्दलीयों की ओर से हैं, जबकि राजनीतिक दलों में सबसे अधिक उम्मीदवार कांग्रेस (2037) उतारे थे. जबकि बीजेपी ने सिर्फ 1003 उम्मीदवार ही मैदान में उतारे थे. पंजाब में साल 2022 में विधानसभा चुनाव भी होना है, ऐसे में इसके नतीजे काफी दिशा तय कर सकते हैं.

 

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