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पंजाब: दलित मजदूर की मौत पर बवाल, CM अमरिंदर बोले- नहीं बख्शे जाएंगे दोषी

दलित संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के कार्यालय के बाहर लेहरा कस्बे में प्रदर्शन कर रहे हैं. वे पीड़ित के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.

घटना के बाद रोते-बिलखते मृत दलित मजदूर के परिजन (ANI) घटना के बाद रोते-बिलखते मृत दलित मजदूर के परिजन (ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

  • पंजाब में दलित मजदूर की मौत पर तनाव
  • सीएम अमरिंदर ने किया इंसाफ का वादा
  • पीड़ित परिवार को 50 लाख के मुआवजे की मांग

पंजाब के एक गांव में भयावह घटना के बाद तनाव फैल गया. इस घटना में एक दलित मजदूर को कथित तौर पर पीटा गया और उच्च जाति के लोगों ने जबरदस्ती पेशाब पीने को मजबूर किया. बाद में मजदूर ने पीजीआई अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मजदूर का परिवार राज्य सरकार से मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये व एक नौकरी की मांग कर रहा है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदेश के प्रमुख सचिव और डीजीपी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है.

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जगमेल सिंह (37) की मौत के बाद से उसके पैतृक निवास संगरूर जिले के चागलीवाल गांव में स्थिति तनावपूर्ण है. जगमेल सिंह पर 7 नवंबर को हमला किया गया. दलित संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के कार्यालय के बाहर लेहरा कस्बे में प्रदर्शन कर रहे हैं. वे पीड़ित के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, पीड़ित के परिवार को जब तक न्याय नहीं मिल जाता प्रदर्शन जारी रहेगा. हम मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं.

चंडीगढ़ में परिवार ने पीड़ित की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने व उचित मुआवजा मिलने तक शव को स्वीकार करने से इनकार किया.

पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन तेज

प्रदर्शन में शामिल गायक और दलित कार्यकर्ता बंत सिंह ने कहा कि उच्च जाति के जाट लोगों का राज्य में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है. बंत सिंह, अपने बेटी से सामूहिक दुष्कर्म को लेकर प्रदर्शन के दौरान अपना हाथ खो चुके हैं. उन्होंने जगमेल सिंह के हत्यारों के लिए मौत की सजा की मांग की.

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बता दें कि जगमेल सिंह हमले के बाद अपने दोनों पैर खो चुका था. उसे कथित तौर पर संदिग्धों ने पेशाब पीने को मजबूर किया. पुलिस ने सभी चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और 13 नवंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है.

मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का दिया भरोसा

प्रदेश के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना की त्वरित जांच का आदेश दिया है. उन्होंने प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को जल्द से जल्द जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, सभी चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया है कि अगले 3 महीनों के भीतर आरोपियों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ें.

संसद में उठेगा मुद्दा?

उधर संगरूर के सांसद भगवंत मान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह दलित की हत्या के मामले को सोमवार को लोकसभा में उठाएंगे. उन्होंने कहा कि वे इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. वहीं, घटना की निंदा करते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दलित मजदूर की मौत पर दुख जाहिर किया.

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