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करतारपुर साहिब को PAK से पंजाब लाने की मांग, चंडीगढ़ को लेकर ये डिमांड... जानें अकाली दल के मेनिफेस्टो में क्या-क्या वादे

लोकसभा चुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब को लेकर बड़ी घोषणा की गई है. इसके अलावा पाकिस्तान से बॉर्डर खोलने, राज्य में तीन आर्थिक हब बनाने और चंडीगढ़ को लेकर भी घोषणा की गई है.

करतारपुर साहिब को लेकर अकाली दल के घोषणापत्र में क्या है? करतारपुर साहिब को लेकर अकाली दल के घोषणापत्र में क्या है?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

लोकसभा चुनाव से पहले शिरोमणि अकाली दल ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने कहा कि अगर जनता सेवा करने का मौका देती है तो हम करतारपुर साहिब को पाकिस्तान से भारत में स्थानांतरित करने की मांग करेंगे. इसके बदले में पाकिस्तान को कहीं और जमीन देने का करार किया जाएगा. 

अकाली दल ने कहा, पार्टी भारत सरकार के माध्यम से काम करने का वादा करती है ताकि करतारपुर साहिब के तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता को खत्म किया जा सके और इसे एक सरल परमिट प्रणाली के साथ प्रतिस्थापित किया जा सके.  

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बता दें कि करतारपुर साहिब पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के आखिरी विश्राम स्थल पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक मंदिर को जोड़ता है. इसलिए करतारपुर साहिब में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. 

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पंजाब में एक जून को होने वाली वोटिंग के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करने के बाद एसएडी चीफ सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनकी पार्टी चंडीगढ़ और राज्य से बाहर रह गए अन्य पंजाबी भाषी क्षेत्रों को शामिल करने के लिए लड़ाई फिर से शुरू करेगी.  

चंडीगढ़ को लेकर क्या बोले सुखबीर बादल? 

वहीं चंडीगढ़ को लेकर सुखबीर बादल ने कहा, "चंडीगढ़ को स्पष्ट रूप से पंजाब का हिस्सा घोषित कर दिया गया था और केवल पांच साल तक केंद्र शासित प्रदेश बना रहना था. हम इस मामले में पंजाब के साथ केंद्र के विश्वासघात के खिलाफ नई ताकत से लड़ेंगे." बता दें कि इस समय चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी भी है. 

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नदियों के पानी को लेकर क्या किया वादा? 

इसके अलावा पंजाब की नदियों के पानी के समझौतों को लेकर भी अकाली दल की ओर से ऐलान किया गया है कि पंजाब की सहमति के बिना और राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत के उल्लंघन में किए गए समझौतों को रद्द करने के लिए पार्टी कदम उठाएगी. पार्टी गैर-तटीय राज्यों को दिए जाने वाले अपने पानी पर रॉयल्टी मांगेगी और इसके लिए आवश्यक सभी राजनीतिक या कानूनी कदम उठाएगी. 

पाकिस्तान बॉर्डर खोलने की मांग 

घोषणापत्र में आर्थिक समृद्धि लाने के लिए व्यापार और पर्यटन के लिए पाकिस्तान के साथ अटारी और हुसैनीवाला सीमाओं को खोलने की मांग भी की गई है. घोषणा पत्र में संपूर्ण सीमा के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) का दर्जा सुरक्षित करने का भी वादा किया है. 

समान नागरिक संहिता का भी विरोध 

इसमें कहा गया है, ''हम सीमावर्ती जिलों में छोटी, मध्यम और एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को लाने के लिए केंद्र के साथ जुड़ेंगे.'' अकाली दल ने घोषणापत्र में कहा कि केंद्र सरकार सिखों, मुसलमानों, ईसाइयों, बौद्ध और जैनियों समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव कर उन्हें आतंकित कर रही है. शिरोमणि अकाली दल हर क्षेत्र में उनके हितों का समर्थन करेगा. घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता लागू करने के किसी भी कदम का विरोध करने का भी ऐलान किया गया है. 

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घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी "गैर-सिख ताकतों द्वारा सिख धार्मिक मामलों में खतरनाक हस्तक्षेप को समाप्त करने की कोशिश करेगी, जो 'पंथ' को भीतर से कमजोर करने के लिए अपने नापाक इरादों के लिए कुछ असंतुष्ट सिख तत्वों का इस्तेमाल कॉस्मेटिक मोर्चे के रूप में कर रहे हैं." 

पंजाब में तीन आर्थिक केंद्र बनाने का वादा 

बादल ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों के जनादेश का उपयोग तीन विशेष आर्थिक केंद्र बनाने, मोहाली को आईटी हब, मालवा बेल्ट को कपड़ा हब और श्री अमृतसर साहिब के साथ-साथ हरि के पाटन और पठानकोट के आसपास के क्षेत्रों, रंजीत सागर बांध को वैश्विक स्तर के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए करेगी.

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