
कोरोना के प्रकोप के बीच पंजाब में ऑक्सीजन की किल्लत का संकट गहरा गया है. सूबे के कई अस्पतालों के पास सिर्फ 6 से 8 घंटे की ऑक्सीजन बची हुई है. दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगवाने के लिए पंजाब सरकार को टैंकरों की दरकार है. पंजाब में लगातार बढ़ रही कोरोना रोगियों की तादाद से हालात विकराल होते जा रहे हैं.
पिछले कुछ दिनों में लेवल-3 के मरीजों में 23 से 28% की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसी वजह से अब पंजाब लगातार ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहा है. लोगों को डर है कि कहीं दिल्ली और अन्य कई दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से जैसे हालात बने हैं और लोगों की जान जा रही है, ऐसी तस्वीरें पंजाब से भी सामने ना आने लगे.
पंजाब के कई प्राइवेट अस्पतालों ने भी ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर हाथ खड़े कर लिए हैं. पंजाब के मोहाली स्थित सोहाना मेडिकल हॉस्पिटल में करीब 8 घंटे की ऑक्सीजन बची है और ये हालत तब है जबकि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है इसके बावजूद रोजाना 230 ऑक्सीजन सिलेंडर बाहर से मंगवा कर अस्पताल में दाखिल 130 करोना मरीजों और कुछ अन्य नॉन-कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उचित सप्लाई ना होने पर हालात बिगड़ सकते हैं.
पंजाब में कैसे हैं हालात
पंजाब के पास अभी भी दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन लाने के लिए 18 ऑक्सीजन टैंकरों की जरुरत है. लेवर-3 मरीजो की संख्या 7 मई तक 23 से 28 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है. राज्य में करोना मरीजों के लिए 30 अप्रैल तक ऑक्सीजन की खपत 203.8 मीट्रिक टन थी जो शुक्रवार तक बढ़कर 250.6 मैट्रिक टन तक जा पहुंची. यह खपत लगातार बढ़ रही है. जबकि सूबे में नॉन कोविड मरीजो को भी रोजाना 31 से 36 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. बोकारो स्टील पलांट से ऑक्सीजन लाने के लिए पंजाब को तीन एयरफोर्स की उड़ानें दी गई थी लेकिन सिर्फ एक उड़ान ही सम्भव हो सकी है क्योंकि ऑक्सीजन के टैंकरो की काफी कमी हो रही है और 7 मई तक एक ही उड़ान सम्भव हो सकी है.
केंद्र सरकार से मदद की दरकार
पंजाब में रोजाना 50 से 60 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की किल्लत है और केंद्र सरकार से ऑक्सीजन की मदद की दरकार है. जिस तरह से पंजाब में लगातार मरीजो के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है उसे लेकर केंद्र सरकार को अगले 2 से 3 दिनों के अंदर ऐसे 18 टैंकरों का बंदोबस्त करना होगा जो राज्य को 15 से 20 मेट्रिक टन की कपैसिटी से तुरंत पंजाब को ऑक्सीजन पहुंचा सकें. पंजाब सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार को पिछले दिनों में पंजाब के लिए ऑक्सीजन की जो डिमांड और सप्लाई में अंतर आया उसको पूरा करना पड़ेगा. पंजाब सरकार की कोशिश है कि केंद्र सरकार की ओर से एयरफोर्स को निर्देश दिए जाए कि पंजाब में बोकारो से ऑक्सीजन सप्लाई की 3 उड़ानें हर दिन भेजी जाए.
पंजाब सरकार का कंट्रोल रूम ऑक्सीजन के वितरण को लेकर हर जिले से सम्पर्क कर रहा है. जिस तरह से हर दिन रोगियो की संख्या बढ़ती चली जा रही है उससे डिमांड और सप्लाई में एक बड़ा अंतर पैदा होता जा रहा है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं. पंजाब सरकार की ओर से चंडीगढ़ के स्थानीय निकाय भवन में ऑक्सीजन सप्लाई की 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है जहां पर ऑक्सीजन लेकर आ रहे टैंकरों की जीपीएस से मॉनिटरिंग की जा रही है.
पंजाब के पास 10 घंटे की ऑक्सीजन
ऑक्सीजन कंट्रोल रूम के इंचार्ज और स्थानीय निकाय विभाग के सेक्रेटरी अजय शर्मा के मुताबिक पंजाब के पास करीब 10 घंटे की ही ऑक्सीजन बची है और केंद्र सरकार से तुरंत ही पंजाब सरकार को 18 से 20 ऑक्सीजन टैंकर मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि बोकारो और अन्य जगहों से तुरंत ऑक्सीजन एयरलिफ्ट कर पंजाब पहुंचाया जाना चाहिए नहीं तो पंजाब में भयंकर स्थिति पैदा हो सकती है.
अजय शर्मा के मुताबिक पंजाब को हाल के दिनों में रोजाना 50 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की तुरंत जरूरत है जबकि आने वाले कुछ दिनों में ये आवश्यकता बढ़ कर 100 मेट्रिक टन होने वाली है. हालांकि पंजाब सरकार इंडस्ट्रियल प्लांटों को बंद करके तुरंत ही इस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही है.