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Patiala Violence: पटियाला में तनाव, आज हिंदू संगठन ने बुलाया बंद, मंदिर पर हमले के खिलाफ एक्शन की मांग

Patiala Violence: पंजाब के पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान हुई हिंसा से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हिंसा के दौरान काली माता मंदिर पर हुए हमले के विरोध में आज हिंदू संगठन ने बंद का ऐलान किया है.

पटियाला में हिंसा के दौरान उपद्रवी को समझाने की कोशिश करती महिला पुलिसकर्मी. (फोटो-PTI) पटियाला में हिंसा के दौरान उपद्रवी को समझाने की कोशिश करती महिला पुलिसकर्मी. (फोटो-PTI)
सतेंदर चौहान
  • पटियाला,
  • 30 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST
  • खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का किया गया था आयोजन
  • मार्च के दौरान आमने-सामने आ गए खालिस्तान समर्थक और विरोधी

पंजाब के पटियाला में शिवसेना हिंदुस्तान और खालिस्तान समर्थकों के बीच हुई हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. हिंसा के दौरान काली मंदिर पर हुए हमले के विरोध में आज (30 अप्रैल को) शिवसेना हिंदुस्तान नाम के हिंदू संगठन ने पटियाला में बंद का ऐलान किया है. संगठन के अध्यक्ष पवन गुप्ता का कहना है कि मार्च से काली मंदिर का कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन फिर भी खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर पर हमला करके बेअदबी की है. गुप्ता आज खालिस्तान समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करेंगे.

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एहतियात के तौर पर प्रशासन ने शुक्रवार शाम 7 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे तक शहर में कर्फ्यू लगा दिया. अब प्रशासन की नजरें आज घटने वाले घटनाक्रम पर है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाकर घटना की तुरंत जांच करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि 29 अप्रैल को शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकर्ताओं ने पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का आयोजन किया था. इस दौरान शिनसैनिकों और खालिस्तान समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी. मार्च की अगुवाई करने वाले हरीश सिंगला की कार पर पथराव भी किया गया था. 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह के मुताबिक खालिस्तान विरोधी मार्च के दौरान हिंसा में 4 लोग घायल हुए हैं. इनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. घायल होने वाले पुलिसकर्मियों में एक पंजाब पुलिस का इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल है. एसएसपी का कहना है कि प्रोटेस्ट मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी. वहीं, इस घटना के बाद शिव सेना ने हरीश सिंगला को पार्टी से निकाल दिया है. शिवसेना पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष ने सिंगला को पार्टी से निकाले जाने की बात कही है. प्रदेशाध्यक्ष के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और युवा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के कहने पर हरीश को निकाला गया है.

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हाथों में तलवार और लाठी-डेंडे लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करते उपद्रवी (File Photo)

पुलिस को करनी पड़ी फायरिंग

झड़प के दौरान लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और फायरिंग भी की. पुलिस का कहना है कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर हालात को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाए गए. वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तनावपूर्ण हालात पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पटियाला के लोग शांति प्रिय हैं. उन्होंने लोगों से किसी तरह के उकसावे में नहीं आने की अपील की और उम्मीद जताई कि पंजाब पुलिस लॉ एंड ऑर्डर सुनिश्चित करेगी.

राहुल गांधी बोले- सीमावर्ती राज्य में शांति जरूरी

पटियाला में हिंसा की घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर पंजाब सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा था कि पटियाला से जो विजुअल सामने आ रहे हैं, वे विचलित करने वाले हैं. फिर से दोहरा रहा हूं कि पंजाब जैसे सीमावर्ती, संवेदनशील राज्य में शांति और सद्भाव सबसे जरूरी है.

AAP विधायक बोले- हालात पर नजर

पटियाला विधायक आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह कोहली ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व प्रदेश में शांति और सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं, जो हम होने नहीं देंगे. विधायक ने ये भी कहा कि यदि खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए हैं तो उसे भी देखा जाएगा.

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शिवसेना से निष्काषित पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला की गाड़ी घेरकर खड़े समर्थक. (File Photo)

क्या है पूरा मामला

बता दें कि 28 अप्रैल को शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला ने खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि शिवसेना, पंजाब को खालिस्तान नहीं बनने देगी. सिंगला के ऐलान के बाद शुक्रवार को बड़ी तादाद में लोग तय जगह पर जमा हुए और खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकला. मार्च में शामिल लोग खालिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए चल रहे थे कि अचानक उनके विरोध में खालिस्तान समर्थक संगठनों के लोग भी आ गए और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने लगे. दोनों गुट आमने-सामने हुए तो तलवारें लहराई जाने लगीं. पुलिस ने बैरिकेड कर रोकने की कोशिश की, लेकिन हालात बिगड़ने पर बल प्रयोग करना पड़ा.

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