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पंजाब PCS के अफसर आज से सामूहिक छुट्टी पर, रिश्वतखोरी में RTA की गिरफ्तारी का कर रहे विरोध

पंजाब पीसीएस के अफसर आज से सात दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर हैं. दरअसल वह लुधियाना में एक आरटीए (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं. विजिलेंस ने आरटीए को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. अथॉरिटी का कहना है कि अफसर की गिरफ्तारी अवैध है. मामले की जांच के लिए सरकार को कमेटी गठित करनी चाहिए.

आरटीए पर ट्रांसपोर्टर से रिश्वत लेने का है आरोप (सांकेतिक फोटो) आरटीए पर ट्रांसपोर्टर से रिश्वत लेने का है आरोप (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • चंडीगढ़,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:36 AM IST

लुधियाना में पीसीएस अधिकारी नरिंद्र धालीवाल की गिरफ्तारी से नाराज पंजाब पीसीएस एसोसिएशन ने राज्य सतर्कता ब्यूरो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन के अधिकारी सोमवार से पांच दिन के लिए सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर हैं. 

पीसीएस अधिकारी नरिंदर सिंह धालीवाल लुधियाना में आरटीए के पद तैनात थे. सतर्कता ब्यूरो ने उन्हें शुक्रवार को अपने वाहनों के चालान जारी नहीं करने के लिए ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद पीसीएस एसोसिएशन ने आम सभा की बैठक की. इसमें 80 पीसीएस अधिकारी शामिल हुए.

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गिरफ्तारी के विरोध में सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन

बैठक में कहा गया, "पीसीएस अधिकारी को अवैध, गलत और मनमाने ढंग से और उचित प्रक्रिया के बिना गिरफ्तार किया गया है." बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के सभी पीसीएस अधिकारी 9 जनवरी से पूरा हफ्ते सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाएंगे. साथ ही कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. 

हाई लेवल कमेटी करे मामले की जांच 

एसोसिएशन ने मांग की कि धालीवाल की अवैध गिरफ्तारी की जांच के लिए सरकार को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करना चाहिए. इस कमेटी में प्रमुख सचिव रैंक के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ एक पीसीएस अधिकारी और परिवहन विभाग के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए. 13 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट मांगी जाए और 14 जनवरी को स्थिति की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाए.

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18 नवंबर को अफसर के खिलाफ हुई थी शिकायत

सतर्कता ब्यूरो ने शुक्रवार को बताया था कि 18 नवंबर को मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन पर दर्ज एक शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी धालीवाल कुछ निजी व्यक्तियों के जरिए विभिन्न ट्रांसपोर्टरों से मासिक आधार पर रिश्वत लेने में शामिल थे.

 

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