
पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पंजाब में पहले मामले में सजा सुनाई गई है. मोगा के जज राहुल गर्ग की अदालत ने बेअदबी के एक मामले में तीन डेरा प्रेमियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही तीनों दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं इस मामले में शामिल दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
बता दें कि साल 2015 में मोगा जिले के थाना स्मालसर के मलके गांव में बेअदबी की घटना हुई थी. बता दें कि इस साल फरवरी में पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों के सामने पंजाब का मॉडल रखा था. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद सभी बेअदबी मामलों में कठोर से कठोर सजा दिलाएंगे, शांति और भाईचारा कायम करेंगे.
आखिर बेअदबी होती क्या है...?
बेअदबी का शाब्दिक अर्थ है अपमान. जहां तक सिख धर्म की बात है, तो मूल रूप से तीन बातों को बेअदबी कहा जा सकता है.
- पहली है गुरु ग्रंथ साहिब या सिखों के पवित्र प्रतीकों का अपमान किया जाना
- दूसरी, गुरु ग्रंथ साहिब के रखने के स्थान को नुकसान पहुंचाना भी बेअदबी है
- इसके अलावा सिख गुरुओं के बताए रास्ते को या इतिहास को बदलने की कोशिश करना भी बेअदबी है.
बेअदबी में अभी क्या है कानून, क्या है सजा का प्रावधान
बेअदबी के मामले IPC की धारा 295 और 295A के तहत दर्ज होते हैं. गुरुद्वारे या वहां की पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाने पर 2 साल की सजा हो सकती है. धार्मिक भावनाएं भड़काने के मकसद से की गई बेअदबी पर 3 साल की सजा है.
2018 में पंजाब ने बेअदबी के मसलों पर कानून में संशोधन करके धारा 295AA जोड़ने की बात आगे बढ़ाई थी. इसमें गुरू ग्रंथ साहिब, श्रीमद्भगवतगीता, पवित्र कुरान और पवित्र बाइबल की बेअदबी पर आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया था. हालांकि, इस प्रस्ताव पर केंद्र ने कोई एक्शन नहीं लिया. वहीं, सिख समुदाय ये मांग करता रहा है कि बेअदबी के मामले में 10 से 20 साल की सजा होनी चाहिए.
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