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पंजाब: अबतक क्यों नहीं हुई पहचान, बेअदबी या चोरी? लिंचिंग के 2 मामले, ये हैं अनसुलझे सवाल

पंजाब में पिछले कुछ घंटों में लिंचिंग के 2 मामले सामने आए हैं. इन मामलों से जुड़े कुछ सवालों के जवाब अबतक नहीं मिले हैं.

पंजाब में लिंचिंग के दो मामले सामने आए हैं (फोटो - स्वर्ण मंदिर, पीटीआई) पंजाब में लिंचिंग के दो मामले सामने आए हैं (फोटो - स्वर्ण मंदिर, पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST
  • पंजाब में लिंचिंग के दो मामले सामने आए हैं
  • एक मामला स्वर्ण मंदिर तो दूसरा कपूरथला का

पंजाब (Punjab) में विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए लिंचिंग के मामलों ने माहौल गर्म कर दिया है. पहले स्वर्ण मंदिर (Golden temple) और फिर 24 घंटे बाद ही कपूरथला (kapurthala) में ऐसी ही घटना सामने आ गई. दोनों लिंचिंग की घटनाओं के बाद कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अबतक नहीं मिले हैं. मसलन, जिनकी मौत हुई और मारने वाले कौन थे उनके बारे में अबतक नहीं बताया गया है. वहीं एक मृतक के खिलाफ ही केस क्यों दर्ज किया गया है?

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सबसे पहले दोनों घटनाओं के बारे में जानिए. रविवार को कपूरथला के निजामपुर गांव के एक गुरुद्वारे में युवक को पीट-पीटकर मार दिया गया. उसपर निशान साहिब (सिखों का धार्मिक झंडा) के अपमान का आरोप लगा था. शख्स को कई घंटों तक कमरे में बंद करके रखा गया था लेकिन गुस्साई भीड़ ने कमरे में जबरन घुसकर उसपर हमला किया. तलवार से भी वार किए गए थे. इस घटनाक्रम में तीन पुलिसवाले भी जख्मी हुए.

इससे पहले शनिवार को एक अज्ञात शख्स स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के अंदर मौजूद ग्रिल्स को फांदकर उस जगह पहुंच गया था जहां पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब रखा था. शख्स ने वहां रखी तलवार भी उठा ली थी. तब ही लोगों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया था. इस मामले में मृतक के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है. गोल्डन टेंपल की ही एक घटना पिछले हफ्ते (15 दिसंबर) चर्चा में आई थी. तब वहां एक शख्स ने पवित्र ग्रंथ 'गुटका साहिब' को स्वर्ण मंदिर के तालाब में फेंक दिया था.

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बेअदबी या चोरी?

रविवार को सामने आए कपूरथला गुरुद्वारे के मामले में अबतक चीजें साफ नहीं हैं. पुलिस का कहना है कि बेअदबी का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस का दावा है कि मामला चोरी का लग रहा है क्योंकि उस युवक ने दो जैकेट पहनी हुई थी, जो उसने ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद उस जगह से उठाई थी जहां केयरटेकर और उनके परिवारवाले रहते थे.

अबतक क्यों नहीं हुई पहचान?

अमृतसर और कपूरथला में हुई घटना में मारे गए लोगों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है. अमृतसर की घटना में मारे गए युवक के शव को पुलिस को सौंप दिया गया है. पुलिस बायोमेट्रिक प्रिंट से उसका पता लगाने की कोशिश कर रही है. अगर उस युवक का आधार कार्ड बना होगा तो उससे उसकी पहचान हो सकती है. पुलिस इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ये दोनों युवक एक दूसरे को जानते थे और क्या ये किसी साजिश का हिस्सा थे.

इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है. हालांकि अभी तक आरोपी की शिनाख्त नहीं हो पाई है. उसके पास कोई भी पहचान पत्र नहीं था. जांच में पता चला है कि शख्स अकेले ही दरबार साहिब आया था. अन्य गुरुद्वारों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है.

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मरने वालों की पहचान सार्वजनिक ना करने के पीछे दूसरी वजहें भी हो सकती हैं, जिसमें माहौल को और ना बिगड़ने देना शामिल है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अबतक उन लोगों को भी चिन्हित नहीं किया गया है जिन्होंने दोनों युवकों की जान ली.

मृतक पर हत्या की कोशिश का केस

गोल्डन टेंपल के मामले की जांच अब SIT को सौंप दी गई है. पुलिस ने इस मामले में 295 A और 307 की धाराओं में केस दर्ज किया है. लेकिन हैरानी की बात यह भी है कि मृतक पर भी बेअदबी और हत्या की कोशिश का चार्ज लगा है.

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