
अकाली दल ने कहा है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार सुरक्षित नहीं है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के पूर्व विधायक बलदेव कुमार द्वारा भारत में राजनीतिक शरण की मांग किए जाने पर अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पकिस्तान का पर्दाफाश हो गया है कि वह किस तरह अपने ही देश में रह रहे अल्पसंख्यकों को देश छोड़ने पर मजबूर कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान में हो रहे मानवीय अधिकारों के उल्लंघन का नोटिस लेना चाहिए.
मजीठिया ने केंद्र सरकार से बलदेव कुमार को भारत में शरण देने की अपील की, साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा वह पंजाबियों को बताएं कि उन्होंने पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान की इतनी सराहना क्यों की थी?
मजीठिया ने मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तुरंत कमलनाथ को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त कर देना चाहिए और उन्हें कांग्रेस पार्टी से भी निकाल देना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा उनके कैबिनेट साथियों से कहा कि वह स्पष्ट करें कि क्या वह 1984 के सिख विरोधी दंगों में पिछले 35 साल से इंसाफ लेने के लिए लड़ रहे लोगों के साथ हैं या कांग्रेस पार्टी के साथ हैं?
अकाली नेता ने राज्य सरकार की निंदा की और कहा कि कांग्रेस सरकार के अमानवीय रवैये के कारण राज्य के लोग नर्क भोग रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 25 लाख छात्रों को मिड डे मील नही दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार ने इसके लिए फंड जारी नही किए हैं.
मजीठिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पोषण महीना मनाने के लिए पांच सितारा होटलों में समागम कर रही है, जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों में जा रहे 5 लाख बच्चों को भोजन नही दिया जा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि सरकार द्वारा दलित छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है. दलित छात्रों की संख्या तीन लाख से कम होकर दो लाख रह गई है. अकाली नेता ने आरोप लगाया कि छात्राओं को मुफ्त साइकिल भी नहीं दिए जा रहे हैं.
अकाली नेता ने कहा कि सरकार ने पिछले तीन सालों से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए मुआवजा जारी न करके अन्नदाता को भी नहीं बख्शा है. मजीठिया ने हाल ही में आई बाढ़ के कारण घर और फसलों का नुकसान उठाने वाले हजारों लोगों को तत्काल राहत प्रदान न करने के लिए भी राज्य सरकार की सख्त निंदा की.