राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक, पंजाब की सड़कों पर भटकती रही सिक्योरिटी में तैनात 2 गाड़ियां

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. पंजाब में जब कांग्रेस नेता सिंगर सिद्धू मूसेवाला के परिजनों से मिलने जा रहे थे, उनका सुरक्षा काफिला रास्ता भटक गया और 20-25 मिनट तक पटियाला की सड़कों पर घूमता रहा.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी

मुनीष कौशल

  • चंडीगढ़,
  • 07 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST
  • 20-25 मिनट तक भटकता रहा काफिला
  • पटियाला पुलिस के जवानों ने की मदद

सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उनके परिजनों से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है. उनका सुरक्षा काफिला 20-25 मिनट तक पटियाला की गलियों में घूमता रहा और कांग्रेस नेता बिना किसी सुरक्षा के ही मूसेवाला के घर पहुंच गए.

बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट से मानसा जाने के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान राजा वडिंग ने राहुल गांधी को अपने साथ गाड़ी में बैठाया था. उस समय उनके साथ गाड़ी में प्रताप सिंह बाजवा भी मौजूद रहे. अब हुआ यूं कि जिस गाड़ी में राहुल गांधी बैठे थे, उसने दूसरा रास्ता चुनते हुए बाईपास से सीधी संगरूर मानसा रोड पर ले लिया. लेकिन राहुल गांधी के सुरक्षा काफिले को इसकी जानकारी नहीं मिली और उनकी दो गाड़ियां गलती से बाईपास कोना मोड़ से पटियाला शहर के अंदर चली गईं. 

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इसके बाद दोनों सिक्योरिटी की गाड़ियां लगभग 20 से 25 मिनट पटियाला शहर में ही घूमती रहीं. तब तक राहुल गांधी अपने साथियों के साथ गांव मूसा भी पहुंच गए और उन्होंने सिंगर के परिजनों से भी मुलाकात कर ली. जब काफी देर तक राहुल गांधी के सुरक्षा काफिले को रास्ता नहीं मिला, तब पटियाला पुलिस के जवानों ने उनकी मदद की और उनकी गाड़ी को शहर के बीचों-बीच से निकाल कर संगरूर मानसा रोड पर पर ला दिया. तब जाकर उनका काफिला मूसा गांव पहुंचा.

अब चिंता वाली बात ये है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी बड़ी चूक हुई थी. तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और समय विधानसभा चुनाव का चल रहा था. जब पीएम मोदी एक रैली के लिए जा रहे थे, बीच सड़क पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से उनका काफिला काफी देर तक वहां फंसा रहा. बाद में जब इस मामले की जांच हुई तो पंजाब पुलिस के कई अफसरों को सस्पेंड किया गया और तब की राज्य सरकार से भी स्पष्टीकरण मांगा गया.

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