
26 जनवरी को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर एक किसान नेता ने बड़ा बयान दिया है. भारतीय किसान यूनियन (उग्रहान) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहान ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा अचानक नहीं हुई थी बल्कि ये पूर्वनियोजित थी. इसकी तैयारी पहले से की गई थी. जोगिंदर सिंह उग्रहान ने बरनाला में एक किसान रैली को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
जो कुछ हुआ वो अचानक नहीं था, ये एक साजिश थी
इस रैली को संबोधित करते हुए जोगिंदर सिंह ने दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना पर भी हमला किया. उन्होंने कहा, "26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो अचानक नहीं था, ये एक साजिश थी जो पहले से बनाई गई थी. साजिशकर्ता एक अलग राह पर चल रहे थे, उनके मंसूबे भी अलग थे."
रूट से हटना नहीं चाहते थे
किसान नेता ने कहा कि 26 जनवरी को उनकी मंशा तय रूट पर ही रैली निकालने की थी, जिस रूट के बारे में चर्चा नहीं हुई थी, उस पर वो जाना ही नहीं चाहते थे. उग्रहान ने कहा, "इस प्रदर्शन को धार्मिक रंग देने की कोशिश हुई, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे."
26 जनवरी की हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर बरसते हुए जोगिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें ये तो पता है कि लड़ाई कैसे की जाती है, लेकिन जिस तरह से कुछ लोगों ने अपने आप को स्थापित किया है वो इसका रास्ता नहीं है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले में कुछ किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है. यूनियन लीडर बलबीर सिंह राजेवाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनपर डकैती का केस दर्ज किया गया है.
'आग में जला दो पुलिस का नोटिस'
बड़े तल्ख तेवर अपनाते हुए जोगिंदर सिंह उग्रहान ने कहा, "पुलिस के नोटिस को आग में जला दो, पुलिस वालों को गांव में घुसने नहीं दो". उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस आंदोलन के लिए बढ़ चढ़कर दान दें और दिल्ली में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएं.
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने हमें बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन हमारी शंकाएं दूर नहीं कीं, वे कई संशोधन करना चाह रहे थे तो हमने कहा कि अगर इतने संशोधन करने हैं तो कानून ही क्यों न रद्द कर दिए जाएं. राजेवाल ने कहा कि सरकार के मंत्रियों का कहना था कि अगर हम कानून रद्द कर देंगे तो दूसरे भी इसी तरह की मांग उठाएंगे.
PM ने आंदोलनजीवी बताकर हमारा अपमान किया
किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी और परजीवी बताकर उनका अपमान किया है. राजेवाल ने कहा कि अगर हम परजीवी हैं तो बीजेपी नेताओं को हम किसानों द्वारा पैदा किए जाने वाले अनाज को नहीं खाना चाहिए, वो वही खाएं जो प्रधानमंत्री पैदा कर रहे हैं.
बनराला की इस मजदूर किसान एकता महारैली में कई प्रस्ताव पास किए गए. इनमें मुख्य रूप से किसान कार्यकर्ता नौदीप कौर की रिहाई की मांग की है. किसानों ने यह भी तय किया कि आंदोलन में किसी भी अलगाववादी तत्व और राजनीतिक दल को शामिल नहीं होने दिया जाएगा.
किसानों ने कहा कि किसानों की खेती पर नजर गड़ाए बैठे कंपनियों का विरोध करना भी राष्ट्रहित का कर्तव्य है.