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पंजाब में MSP का खेल! दूसरे राज्यों से सस्ता धान खरीद कर हो रही कमीशनखोरी, 21 गिरफ्तार

पंजाब के खाद्य और आपूर्ति मंत्री ने बताया कि अब तक 4695.20 क्विंटल धान जब्त करने के साथ ही 30 आढ़तियों और राइस मिल संचालकों के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की गई है.

आढ़तियों पर पंजाब सरकार सख्त (फाइल फोटो) आढ़तियों पर पंजाब सरकार सख्त (फाइल फोटो)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 30 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST
  • एमएसपी के दुरुपयोग के आरोप में 21 लोग गिरफ्तार
  • पंजाब में सक्रिय है राइस मिल मालिक, आढ़तियों का नेटवर्क

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का भुगतान सीधे किसानों के खाते में कर रही है. सरकारों की कोशिश किसानों को मुनाफा दिलाने की है लेकिन एमएसपी का लाभ आढ़तिए उठा रहे हैं. एमएसपी की आड़ में मुनाफाखोरी अभी भी जारी है. एक अनुमान के मुताबिक चावल मिल मालिक और आढ़तिए मिलकर बड़ा लाभ कमा रहे हैं.

पंजाब और हरियाणा में दूसरे राज्यों से धान की खरीद कर चावल मालिकों और आढ़तियों की मिलीभगत से धान लाने और एमएसपी का दुरुपयोग किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं. सरकार की तमाम सख्ती भी इसे रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है. इस संबंध में पंजाब के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने बताया कि एमएसपी का दुरुपयोग रोकने के लिए विभाग ने उड़न दस्ते तैनात किए हैं. इस दस्ते ने दूसरे राज्यों से लाए जा रहे धान पर एमएसपी का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की है.

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उन्होंने बताया कि पंजाब की अन्य राज्यों से लगती सीमा पर कुल 72 पड़ताल नाके बनाए गए हैं. यहां कुल 35048 ट्रक और ट्रॉली की जांच की गई है जिनमें से 21 ट्रक और ट्रॉली में अवैध रुप से लाया जा रहा धान पकड़ा गया. पंजाब के खाद्य और आपूर्ति मंत्री ने बताया कि अब तक 4695.20 क्विंटल धान जब्त करने के साथ ही 30 आढ़तियों और राइस मिल संचालकों के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की गई है. इस तरह के मामलों में पंजाब पुलिस ने अब तक  21 लोगों को गिरफ्तार किया है.

भारत भूषण आशु ने कहा कि सरकार प्रदेश के किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदने को प्रतिबद्ध है लेकिन अन्य राज्यों से सस्ते में खरीदकर पंजाब लाने और बेचने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. उन्होंने धान की खरीद के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पंजाब में धान की खरीद सौ लाख मीट्रिक टन के पार पहुंच गई है. अब तक किसानों को उनके उत्पाद के लिए 15986.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

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