
अपकमिंग फिल्म 'दास्तान-ए-सरहिंद' विवाद में घिरती नजर आ रही है. कारण, कई संगठन फिल्म में इतिहास से छेड़छेड़ का आरोप लगाते हुए रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. इस कड़ी में बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने भी पंजाब सरकार से फिल्म 'दास्तान-ए-सरहिंद' की रिलीज रोकने की मांग की. एसजीपीसी अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि फिल्म में सिखों के दसवें गुरु के 'साहिबजादों' (पुत्रों) का मानवीकरण किया गया है, जिसके कारण 'संगत' (सिख समुदाय) में भारी विरोध है.
उन्होंने कहा कि कई संगठन और संगत इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं. इस फिल्म को लेकर कई आपत्तियां एसजीपीसी के पास भी पहुंची हैं. कोई भी 'संगत' की भावनाओं से ऊपर नहीं है, इसलिए उसी का प्रतिनिधित्व करते हुए इस फिल्म की रिलीज को तुरंत रोका जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और साथ ही सेंसर बोर्ड को भी अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. सिख इतिहास से संबंधित किसी भी फिल्म के बारे में निर्णय सिद्धांतों, सिख 'मर्यादा' और परंपराओं को ध्यान में रखकर किया जाता है. इसलिए एसजीपीसी इस फिल्म के मामले में भी संगत की भावनाओं और सिख सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है.