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शंभू बॉर्डर अब पूरी तरह खाली, किसानों के प्रदर्शन के चलते 13 महीने रहा बंद

हरियाणा से पंजाब की ओर जाने वाली सड़क पर अभी भी ड्रिलिंग का काम जारी है. निर्माण कार्य में कई मजदूर और मशीनें लगी हुई हैं, जो सड़क को पूरी तरह से ठीक करने में जुटी हैं. इस मार्ग पर यातायात बहाल करने में कुछ और समय लग सकता है. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और पुलिस की निगरानी में कार्य तेज गति से किया जा रहा है.

किसानों को हटाकर फिर से रास्तों को खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है किसानों को हटाकर फिर से रास्तों को खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है
कमलजीत संधू
  • चंडीगढ़,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

पंजाब सरकार ने बुधवार देर शाम शंभू और खनौरी बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया, जिसके बाद सड़क को दोबारा खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है. शंभू बॉर्डर पर सड़क मार्ग को फिर से चालू करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. एकतरफा सड़क पर लगे सीमेंट ब्लॉक और भारी कंक्रीट को पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे मार्ग लगभग साफ हो चुका है. प्रशासन ने पंजाब से हरियाणा की तरफ आने वाली एक तरफ की रोड आम लोगों के लिए खोल दी है. इसके साथ ही सभी इलाकों में इंटरनेट भी फिर से चालू कर दिया गया है. करीब 13 महीने से यह रास्ते बंद थे.

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हरियाणा से पंजाब की ओर जाने वाली सड़क पर अभी भी ड्रिलिंग का काम जारी है. निर्माण कार्य में कई मजदूर और मशीनें लगी हुई हैं, जो सड़क को पूरी तरह से ठीक करने में जुटी हैं. इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बहाल करने में कुछ और समय लग सकता है. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और पुलिस की निगरानी में कार्य तेज गति से किया जा रहा है. 

DIG मंदीप सिंह सिंधु का बड़ा बयान

DIG पटियाला रेंज मंदीप सिंह सिंधु ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर किसान दोबारा आंदोलन की ओर आते हैं, तो पुलिस भी तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की योजना ‘क्लीन स्विप’ के तहत बनाई गई थी, और अब हरियाणा के लोग उन्हें फोन पर बधाई दे रहे हैं.

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हरियाणा के किसानों का कहना है कि प्रदर्शनकारी किसानों को हटाकर प्रशासन ने अच्छा काम किया है क्योंकि उनके कारण आम जनता को परेशानी हो रही थी. DIG सिंधु के अनुसार, शंभू बॉर्डर का एकतरफा मार्ग खोल दिया गया है, लेकिन खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का बड़ा केंद्र था, जहां जगजीत सिंह डल्लेवाल मौजूद थे.

रात में हुआ किसानों का शांतिपूर्ण निष्कासन

बता दें कि बुधवार रात में खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई. शुरुआत में बॉर्डर पर लगभग 600 किसान मौजूद थे, जिनमें से 400 से अधिक किसानों को डिटेन किया गया. किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. किसानों को अपने वाहन वापस लेने के लिए दस्तावेज और एक गवाह के साथ आना होगा.

DIG सिंधु ने बताया कि किसानों को पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से हटाया गया और इस दौरान किसानों ने भी पुलिस का पूरा सहयोग किया.

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