
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ 2015 के कोटकपूरा पुलिस फायरिंग मामले में दायर चार्जशीट को उत्पीड़न करार दिया है. पार्टी ने कहा है कि वो कानूनी रूप से और लोगों की अदालत में जाकर आरोप पत्र को चुनौती देगी. SAD का कहना है कि ये चार्जशीट मनगढ़ंत है और सभी मोर्चों पर आप सरकार की विफलता से ध्यान हटाने का प्रयास है.
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी. शिअद ने कहा कि आप सरकार ने सभी मोर्चों पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए खुले तौर पर बदले की भावना से चार्जशीट दायर की है. SAD अदालत की अवमानना का केस दर्ज करने समेत सभी विकल्पों पर राय लेगी. क्योंकि पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप की रिपोर्ट को अलग करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया है.
'चार्जशीट में किए गए दावे गलत'
शिअद ने कहा- सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. वो राज्य से बाहर थे और किसी भी तरह से उन्हें मास्टरमाइंड नहीं कहा जा सकता. चार्जशीट में गलत दावा किया गया है. पार्टी ने यह भी कहा कि एसआईटी प्रमुख लालकृष्ण यादव और अन्य अधिकारियों ने विशुद्ध रूप से राजनीतिक निर्देश को पूरा करने के लिए पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया है.
'कोर्ट के आदेश का किया उल्लंघन'
अकाली नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सरकार ने पहले ही अपनी मंशा पर पानी फेर दिया. विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने एक सार्वजनिक घोषणा की कि एलके यादव के नेतृत्व वाली एसआईटी 28 फरवरी से पहले चालान दाखिल करेगी. कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी बेहबल कलां में प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि सुखबीर सिंह बादल का नाम शामिल किया जाएगा. एसआईटी ने चालान दाखिल किया. आप नेताओं ने ये घोषणाएं इस तथ्य के बावजूद कीं कि उच्च न्यायालय ने एसआईटी को सीलबंद लिफाफे में अदालत में अपना चालान पेश करने का निर्देश दिया था. उसके बावजूद कैसे एक सीलबंद रिपोर्ट आप नेतृत्व को उपलब्ध कराई गई और मीडिया में लीक भी हो गई?
नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट की सामग्री को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया. इन घटनाक्रमों को पंजाबियों को गुमराह करने का एक जानबूझकर प्रयास किया गया. अकाली नेताओं ने कहा कि सत्ता के इस दुरुपयोग के लिए मुख्यमंत्री को जवाब देना होगा.
शिअद नेताओं ने कहा कि अब बहुत हो गया और अब अकाली दल चुप नहीं बैठेगा. AAP को पार्टी को बदनाम करने की इजाजत नहीं देगा. इस भ्रष्ट सरकार को बेनकाब करेगी जो अजनाला पुलिस स्टेशन हमले के मामले समेत कानून और व्यवस्था के मोर्चे पर अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है. अकाली दल ने यह भी कहा कि सरकार संवैधानिक संकट से भी ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है जो राज्यपाल के साथ संघर्ष के कारण राज्य में पैदा हुआ है.