
पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की मनासा जिले में रविवार (29 मई) को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सोमवार (30) रात पोस्टमार्टम हुआ और मंगलवार (31 मई) दोपहर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सिद्धू के अंतिम विदाई में तीन दिन का वक्त क्यों लगा? जानिए इसके पीछे की पूरी वजह?
दरअसल, 28 साल के सिंगर मूसेवाला रविवार शाम अपने दो दोस्तों के साथ महिंद्रा थार में सवार होकर मनासा जिले के जवाहरके गांव से गुजर रहे थे. इसी दौरान माता रानी चौक मोड़ के पास जब उन्होंने अपनी गाड़ी की रफ्तार धीमी की, तभी घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उन पर अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग कर शुरू कर दी.
पंजाब पुलिस ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला पर 30 राउंड फायर किए गए. पोस्टमार्टम से भी पता चला है कि सिद्धू के शरीर में 24 गोलियों के घाव थे. एक गोली सिर की हड्डी में फंसी हुई थी. बॉडी के दूसरे पार्ट्स में भी अंदरूनी चोटें लगी हुई थीं.
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गोलियां लगने के बाद बुरी तरह जख्मी सिद्धू और उनके दो दोस्तों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ज्यादा खून बह जाने से उन्होंने दम तोड़ दिया था. डॉक्टरों ने भी सिद्धू को मृत घोषित कर दिया.
पॉपुलर सिंगर की हत्या के बाद हंगामा मचा और राजनीति भी तेज हो गई. राजनेताओं ने पंजाब सरकार को घेरना शुरू कर दिया. इसके पीछे की वजह यह थी कि सूबे की भगवंत मान सरकार ने घटना के एक दिन पहले ही सिद्धू की सुरक्षा में कटौती कर दी थी.
सिद्धू के परिवार की 3 मांगें
- उधर, गमगीन परिवार ने भी सिद्धू मूसेवाला का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. परिवार ने मांग की थी कि हाईकोर्ट के मौजूदा जज की अगुवाई में सीबीआई और एनआईए जैसी एजेंसियों की मदद से इस हत्याकांड की जांच कराई जाए.
- दूसरी मांग यह थी कि पंजाब के डीजीपी मांफी मांगें. पीड़ित परिवार का आरोप था कि पुलिस के मुखिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू की हत्या को गैंगवॉर का नतीजा बताया था.
- वहीं, तीसरी मांग थी कि सिद्धू की सुरक्षा में कटौती किए जाने का गोपनीय सरकार आदेश सार्वजनिक करने वाले जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए. इससे पहले भी नेताओं ने सुरक्षा हटाने के आदेश को वायरल किए जाने पर चिंता जताई थी.
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बहरहाल, सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मूसेवाला हत्याकांड की जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जज से कराने का आश्वासन दिया. डीजीपी ने अपने बयान को लेकर सफाई पेश की और गोपनीय लिस्ट को सार्वजनिक करने के मामले में भी कार्रवाई की मांग भी मान ली गई. इसके बाद परिवार सिद्धू के शरीर का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गया.
इन्हीं वजहों से सिद्धू के अंतिम संस्कार में देरी हुई. हालांकि, मंगलवार यानी आज दोपहर मानसा जिले के मूसा गांव में सिद्धू को अंतिम विदाई देने की पूरी तैयारी है. पता हो कि सिद्धू का कागजी नाम शुभदीप सिंह है. लेकिन बाहर की दुनिया में अपने घर और गांव के नाम 'सिद्धू मूसेवाला' से फेमस थे.