
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के खिलाफ रोड रेज के दौरान एक व्यक्ति की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 25 फरवरी तक टाल दी. सिद्धू की तरफ से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में नया एओआर नियुक्त किया गया है, लिहाजा सुनवाई टाल दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई तो इस अपील पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि आपके एओआर ने तो हमें पत्र देकर यह कहा है कि यह अप्रत्याशित परिस्थिति है. सुनवाई इतनी जल्दी आ गई, जबकि इस मामले में 2018 से नोटिस जारी हुआ है. एडवांस लिस्ट में ये मामला सुनवाई के लिए लिस्टेड है.
इस पर वकील चिदंबरम ने कहा कि वह इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं, लेकिन नया एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड नियुक्त होने की वजह से इस मामले की सुनवाई फिलहाल तीन या चार हफ्ते के लिए टाल दी जाए. इसके बाद जस्टिस खानविलकर ने बेंच में अपने साथी जस्टिस संजय किशन कौल से बात की. उन्होंने समर्थन किया तो बेंच ने सिद्धू के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई 25 फरवरी तक टाल दी.
33 साल पुराना केस
दरअसल, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब की चुनावी राजनीति में कानूनी ट्विस्ट आ गया है. सिद्धू के लिए गले की फांस बने 33 साल से ज्यादा पुराने रोडरेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना शुरू हो गई है.
साल 1988 में हुए सड़क हादसे में एक शख्स की मौत के मामले में नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ दायर पीड़ित परिवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट हियरिंग कर रहा है.
याचिका के मुताबिक, 15 मई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में मात्र 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया था. इसमें पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी.