
पंजाब में सिख गुरुओं के चैप्टर को शिक्षा बोर्ड की किताबों से हटाने के मामले पर राजनीति इन दिनों पंजाब में गरमा रही है, और अब इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंचने लगी है.
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कैप्टन अमरिंदर सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि 72 घंटे के अंदर सभी सिख गुरुओं के चैप्टर पाठ्यक्रम में नहीं जोड़े गए तो वह 4 मई से कैप्टन सरकार के खिलाफ आमरण अनशन करेंगे.
तेजेंद्र पाल सिंह बग्गा ने कहा कि कैप्टन सरकार ने सिख पंथ के विरोध में काम किया है और ऐसे में कैप्टन सरकार को तत्काल प्रभाव से देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. बग्गा ने कहा कि सिख गुरुओं की वीरता-कुर्बानी से हमें प्रेरणा मिलती है और ऐसे में सिख पंथ की नीव जिनकी कुर्बानी के कारण रखी गई उनके इतिहास को किताबों से हटाना अपने आप में शर्मनाक कदम है जिसके लिए कैप्टन सरकार की आलोचना होनी चाहिए.
किताबों की छपाई बंद हो
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने भी बग्गा के इस आमरण अनशन का समर्थन किया है. बीजेपी अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के द्वारा किए जा रहे सिख गुरुओं के अपमान का विरोध हम सब मिलकर करेंगे.
बग्गा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर बेशक कह रहे हैं कि ऐसा नहीं हो रहा है मगर मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही हैं उसके मुताबिक किताबों से चैप्टर हटा दिए गए हैं, ऐसे में उन किताबों की छपाई तत्काल बंद की जाए.
सीएम की सफाई
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यदि सिख गुरुओं के इतिहास को पंजाब के पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है तो कैप्टन अमरिंदर सिंह साफ करें कि आखिर कांग्रेस पार्टी का प्रेरणा स्रोत और हीरो कौन है?
गौरतलब है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी पंजाब सरकार पर निशाना साधा और कैप्टन सरकार पर सिख पंथ को अपमानित करने का आरोप लगाया है.
हालांकि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा था कि सरकार ने किसी भी चैप्टर को नहीं हटाया है, अकाली दल इस मसले पर गलत जानकारी फैला रहा है.