
पंजाब के कई कैबिनेट मिनिस्टर ने सोमवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कांग्रेस आलाकमान से अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है. इन मंत्रियों ने नवजोत सिंह सिद्धू के बयान के खिलाफ शिकायत की है.
मंत्रियों ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू के बयान को गंभीर अनुशासनहीनता और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को कमजोर करने वाला बताया है. उनका कहना है कि सीएम अमरिंदर सिंह पर व्यक्तिगत हमले करना पार्टी की खिलाफत करना है. इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.
इससे पहले रविवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ हमला तेज कते हुए कहा कि विधायकों के बीच एक आम सहमति है कि राज्य को उनकी पार्टी के बजाय बादल चलाएंगे.
एक दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अक्षमता के कारण सरकार को 2015 कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को मानने के लिए मजबूर होना पड़ा.
अमृतसर से विधायक सिद्धू ने तब अपनी ही सरकार की आलोचना की थी जब हाई कोर्ट ने इस घटना की एसआईटी जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. गोलीबारी पंजाब के फरीदकोट में एक धार्मिक ग्रंथ के अनादर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस नेता की नाराजगी को पूरी तरह से अनुशासनहीनता बताया था.
शिरोमणि अकाली दल का नेतृत्व करने वाले बादल परिवार का जिक्र करते हुए सिद्धू ने आरोप लगाया कि राज्य की नौकरशाही और पुलिस उनकी इच्छाओं के अनुसार काम कर रही है. सिद्धू ने रविवार को एक ट्वीट में आरोप लगाया, ‘विधायकों के बीच यह आम सहमति है कि कांग्रेस सरकार के बदले में बादल सरकार शासन कर रही है. अक्सर हमारे विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की बात सुनने की बजाय नौकरशाही और पुलिस बादल परिवार की इच्छाओं के अनुसार काम करती है. सरकार जनता के कल्याण के लिए नहीं बल्कि माफिया राज जारी रखने के लिए काम करती है.’
अमृतसर विधायक की ओर से लगातार हमले ऐसे समय आए हैं जब ऐसी खबरें आई थीं कि पिछले कुछ दिनों में दो मंत्रियों और सिद्धू सहित कुछ कांग्रेस विधायकों ने बैठकें की हैं. विधायकों के समूह ने कथित तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने का फैसला किया कि वे धार्मिक ग्रंथ के बेअदबी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.