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अमृतसर में वांछित ड्रग तस्कर बाप-बेटे गिरफ्तार, नकदी और हथियार बरामद

अमृतसर पुलिस ने ड्रग तस्करी में वांछित अमोलक सिंह और उसके बेटे महाबीर सिंह को गिरफ्तार किया है. उनके पास से ₹1 लाख नकद, फर्जी हथियार लाइसेंस, पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए. दोनों 2015 से फरार थे और कई हेरोइन जब्ती मामलों में 'मोस्ट वांटेड' थे. पुलिस उनकी संपत्तियों और बैंक खातों की जांच कर रही है.

AI जेनरेटेड (सांकेतिक तस्वीर). AI जेनरेटेड (सांकेतिक तस्वीर).
aajtak.in
  • अमृतसर,
  • 04 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

अमृतसर पुलिस ने नशे के व्यापार में लिप्त एक बड़े गिरोह के दो मुख्य आरोपियों अमोलक सिंह और उसके बेटे महाबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों के पास से ₹1 लाख नकद, फर्जी हथियार लाइसेंस, एक .30 बोर पिस्तौल, दो मैगजीन, 15 जिंदा कारतूस और एक .306 सिंगल बैरल स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद की गई है.

पंजाब पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने जानकारी दी कि यह गिरफ्तारी एक खुफिया सूचना के आधार पर अमृतसर में प्रीत विहार इलाके में की गई. पुलिस को सूचना मिली थी कि अमोलक और महाबीर अमृतसर में छिपे हुए हैं. इसके बाद पुलिस टीम ने उनके ठिकाने पर छापा मारकर दोनों को दबोच लिया.

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दरअसल, दोनों आरोपी साल 2015 से फरार थे और इन्हें मुंबई के राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 260 किलो हेरोइन जब्ती मामले में 'मोस्ट वांटेड' घोषित किया था. इसके अलावा, दिल्ली स्पेशल सेल ने 356 किलो हेरोइन जब्ती मामले में भी दोनों को वांछित घोषित किया था.

ये भी पढ़ें- अमृतसर: 5 किलो हेरोइन के साथ ड्रग तस्कर गिरफ्तार, सिविल सर्जन का ड्राइवर है आरोपी

पहले भी हो चुकी थी कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि अमोलक सिंह 2019 में जेल से बाहर आया था और तब से लगातार नशे के कारोबार में सक्रिय था. उसके खिलाफ पंजाब में एनडीपीएस (NDPS) और आर्म्स एक्ट के तहत 10 मामले दर्ज हैं. इससे पहले अमृतसर पुलिस ने इस ड्रग गिरोह के सात अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें मंजीत सिंह उर्फ मन्ना और लवजीत सिंह उर्फ लव शामिल थे. इनके पास से 3 किलो हेरोइन और ₹5 लाख नकद बरामद किए गए थे.

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बार-बार बदलते थे ठिकाने

अमृतसर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अमोलक सिंह और उसके बेटे महाबीर के पास राज्य और राज्य से बाहर कई संपत्तियां थीं. गिरफ्तारी से बचने के लिए वे लगातार अपने ठिकाने बदलते रहते थे. पुलिस ने जब उनकी संपत्तियों की जांच की तो पता चला कि वे फर्जी नामों से संपत्तियां खरीदते थे.

आगे की कार्रवाई

पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि उनके नेटवर्क और अन्य साथियों की जानकारी मिल सके. साथ ही इनके बैंक खातों और संपत्तियों की जांच भी की जा रही है ताकि नशे के इस पूरे कारोबार की जड़ तक पहुंचा जा सके.

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