कांग्रेस ने सिद्धू को पंजाब का अध्यक्ष बनाकर ये जताने की कोशिश तो की है कि उन्होंने आपसी मतभेद सुलझा लिए हैं, मगर कैप्टन अमरिंदर की खामोशी बता रही है कि पिक्चर अभी बाकी है. आखिरकार सिद्धू को वो मिल गया, जिसके लिए वो एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थे. अब सिद्धू कैप्टन तो बन गए मगर उनकी कैप्टंसी इतनी आसान भी नहीं होने वाली क्योंकि जिस तरह से कैप्टन अमरिंदर के विरोध को दरकिनार कर सिद्धू को कमान सौंपी गई है, माना जा रहा है कि कैप्टन जल्द इसका जवाब दे सकते हैं. शायद यही वजह है कि अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाने वाले सिद्धू अभी खामोश हैं और सबको साथ लेने की कवायद में जुटे हुए हैं. चंडीगढ़ में कांग्रेस कार्यालय की फिजा भी बदल गई है. कल तक जिन दीवारों पर अमरिंदर सिंह के पोस्टर शान से लगते थे, वहां अब सिद्धू ही सिद्धू छाए नजर आ रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट.